डीएनए हिंदी: Ukraine में इंडियन एंबेसी ने भारतीय छात्रों को देश वापस लाने के लिए एडवाइजरी जारी की है. इसके मुताबिक छात्रों को रोमानिया और हंगरी के रास्ते लाने की योजना की जा रही है. यह योजना वेस्ट यूक्रेन में रह रहे छात्रों के लिए तो मददगार साबित होगी लेकिन ईस्ट यूक्रेन में पढ़ रहे छात्रों के लिए रोमानिया, हंगरी या पोलैंड के बॉर्डर तक पहुंचना बहुत मुश्किल होगा. इन छात्रों को वहां तक पहुंचने के लिए करीब 18 से 20 घंटे का सफर करना होगा जो कि इन हालातों में सुरक्षित नहीं है.

यूक्रेन में पढ़ने वाली जिया के पैरेंट्स ने बताया कि बच्चे लगातार एंबेसी के संपर्क में हैं. यह हमारे लिए राहत की बात है कि विदेशी धरती पर कोई हमारे बच्चों को हिम्मत बंधा रहा है लेकिन परेशानी बनी हुई है. एंबेसी ने बच्चों को कहा कि वे अपनी गाड़ी पर भारत का झंडा लगाकर निकलें और बताए गए बॉर्डर पर पहुंचने का इंताजम करें. इन हालात में बच्चों के लिए यह मुश्किल होगा.

Ukraine Map

यूक्रेन के ईस्ट साइड के शहर सुमी में रह रहे छात्रों ने भी एक वीडियो के जरिए एंबेसी से अपील की कि उन्हें गाड़ी मुहैया करवाई जाए ताकि सरकार उनके लिए जो भी कदम उठाए उनका फायदा उन्हें भी मिल सके. बच्चों ने बताया कि उन्हें दूसरे बॉर्डर तक पहुंचने में 18 घंटे का समय लगेगा और सड़क के जरिए वहां पहुंचना इस सयम उनके लिए सुरक्षित नहीं होगा सड़कों पर रूसी सेना है.

मैप देखने पर पता चलता है कि बच्चों की समस्या कितनी गंभीर है. एक कोने पर सुमी है वहीं दूसरे कोने पर रोमानिया और हंगरी का बॉर्डर तो सोचिए बच्चों के लिए इस वक्त यह कितना बड़ा चैलेंज.

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Russian Ukraine war students stuck in sumi appeal to Indian Embassy for transportation
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रूस के बॉर्डर के करीब रह रहे भारतीय बच्चों की चिंता, कैसे करें 18 घंटे का सफर?
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Indian Students in Ukraine ask for help
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Russian Ukraine war: रूस के बॉर्डर के करीब रह रहे भारतीय बच्चों की चिंता, कैसे करें 18 घंटे का सफर?