डीएनए हिंदी: यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद अब आग आपकी जेब में लगने वाली है. कच्चा तेल ने कई सालों के बाद 100 $ प्रति बैरल को फिर से छू लिया है. चुनाव खत्म होते ही तेल की कीमतों में कम से कम 10 रुपये का उछाल देखने को मिल सकता है.
10 रुपये बढ़ गया है कच्चे तेल का लागत मूल्य
4 जनवरी 2022 को कच्चे तेल की कीमत 80 डालर प्रति बैरल थी. एक बैरल में 159 लीटर कच्चा तेल आता है. उस समय के विनिमय मूल्य (Exchange Price) के हिसाब से कच्चे तेल की लागत (Landing cost) 37.51 रुपये होती थी.
अब आज यूक्रेन पर हमले के बाद से ही ब्रेंट क्रूड की कीमत 100 $ के पार पहुंच गई है. ऐसे में कच्चे तेल का लागत मूल्य ही करीब 47.60 रु हो गई है. मतलब सीधा-सीधा 10 रुपये का इजाफा हो गया है. ऐसे में लाजिमी है कि तेल कंपनियां चुनाव के बाद धीरे-धीरे ही सही इस कीमत को वसूलना शुरू कर देंगी.
3 नवंबर से स्थिर हैं कीमतें
बीते साल 3 नवंबर तक रोजाना कीमतों में बदलाव हो रहा था. इस बीच पेट्रोल कई शहरो में 110 रुपये की कीमत तक पहुंच गया था. दीपावली के एक दिन पहले पीएम मोदी सरकार ने पेट्रोल पर 5 रुपये और डीजल पर 10 रुपये की एक्साईज ड्यूटी कम करने की घोषणा की थी. गौरतलब है कि सरकार ने कोरोना की पहली लहर के वक्त आई कच्चे तेल की कीमतों में ऐतिहासिक कमी के वक्त राजस्व जुटाने के लिए एक्साईज ड्यूटी को बढ़ाया था.
बीते साल से है कच्चे तेल में उबाल
आखिरी बार तेल 100 $ के पार अगस्त 2014 को हुआ था. उसके बाद वैश्विक हालातों की वजह से तेल की कीमतें कभी उस उफान पर नहीं आ पाईं. वहीं 2014 से 2020 तक कच्चे तेल की सालाना औसतन कीमतें क्रमश: $ 84.16, $ 46.17, $ 47.56, $ 56.43, $ 69.88, $ 60.47, $ 44.82 रही हैं. मगर बीते साल करीब अक्टूबर के बाद से तेल कमोबेश 80 $ प्रति बैरल के उपर ही रहा है.
(रिपोर्ट: अभिषेक सांख्यायन)
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