डीएनए हिंदीः रूस (Russia) और यूक्रेन (Ukraine) के बीच जारी जंग में भारत समेत दुनिया के कई देशों के नागरिक फंसे हुए हैं. भारत ने मेडिकल की पढ़ाई करने यूक्रेन गए छात्रों को सकुशल वापस लाने के लिए ऑपरेशन गंगा चलाया है. यूक्रेन के शिक्षा और विज्ञान मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार वहां 80 हजार से अधिक अंतर्राष्ट्रीय छात्र पढ़ाई कर रहे हैं. इनमें सबसे बड़ी संख्या भारत की है. भारत के करीब 18 हजार छात्र यूक्रेन में पढ़ाई कर रहे हैं. इसके बाद मोरक्को, अजरबैजान, तुर्कमेनिस्तान और नाइजीरिया का नंबर आता है.  

भारत ने शुरू किया ऑपरेशन गंगा 
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में भारत के बयान के मुताबिक, छात्रों व अन्य लोगों को मिलाकर करीब 20 हजार से ज्यादा भारतीय यूक्रेन में रहते हैं. भारत ने कहा था कि, सभी भारतीय नागरिकों की सुरक्षित निकासी हमारा प्रयास है. ऑपरेशन गंगा के तहत पांच फ्लाइट यूक्रेन से आ चुकी हैं. इनमें 1100 से अधिक छात्रों को वापस लाया जा चुका है. कई अन्य छात्र यूक्रेन के पड़ोसी देशों के बॉर्डर पर मौजूद हैं. भारत सरकार इनके खाने पीने से लेकर अन्य चीजों में मदद कर रही है. 

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चीनी नागरिकों पर यूक्रेन में हमले  
चीन (China) के करीब छह हजार नागरिक यूक्रेन में फंसे हुए हैं. 26 फरवरी को चीन ने चीन ने यूक्रेन में फंसे अपने नागरिकों के लिए चार्टर्ड उड़ानों की घोषणा की और कीव छोड़ने वाले अपने नागरिकों से चीनी ध्वज जैसे पहचान के संकेत प्रदर्शित ना करने का अनुरोध किया. चीन की ओर से अपने नागरिकों को वापस लाने के लिए कोई यात्रा परामर्श और कोई अन्य कोशिश नहीं की. दूसरी तरफ भारत ने छात्रों के लिए एडवायजरी जारी कर इमरजेंसी नंबर, परामर्श पूरी सुविधा दी. यूक्रेन में चीनी नागरिकों पर हमले हो रहे हैं जबकि भारतीय ध्वज वाली बसों को सुरक्षित रास्ता दिया जा रहा है. 

अमेरिका ने जारी की एडवायजरी
अमेरिका के 900 से अधिक नौकरीपेशा नागरिक यूक्रेन में फंसे हुए हैं. 22 फरवरी को अमेरिका ने यूक्रेन में फंसे नागरिकों के लिए एडवायजरी जारी की. इसमें अमेरिकी दूतावास ने नागरिकों से संचार के लिए एक ऑनलाइन फॉर्म, स्थानीय (यूक्रेन) और अंतर्राष्ट्रीय (यूएस-आधारित) फोन नंबर जारी किए. एडवायजरी में लोगों से कहा गया कि वह खुद ही निजी तौर पर उपलब्ध परिवहन विकल्पों का उपयोग करके निकले का आग्रह किया गया. 

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यूके 
यूके (UK) की ओर से सबसे पहले 17 फरवरी को एक एडवायजरी जारी की गई. इसमें कहा गया कि दूतावास के कर्मचारी ल्वीव में ब्रिटिश दूतावास कार्यालय से काम कर रहे हैं. ल्वीव में ब्रिटिश दूतावास कार्यालय द्वारा प्रदान की जाने वाली व्यक्तिगत कांसुलर सेवाएं अत्यंत सीमित हैं और रूसी सैन्य कार्रवाई से और अधिक प्रभावित हो सकती हैं. एडवायजरी में साफ कहा गया कि ब्रिटिश नागरिकों को इन परिस्थितियों में निकासी के लिए बढ़े हुए कांसुलर समर्थन या मदद की उम्मीद नहीं करनी चाहिए. 

जर्मनी 
जर्मनी की सरकार ने एडवायजरी जारी कर नागरिकों से तत्काल यूक्रेन छोड़ने का आग्रह किया. जर्मनी की ओर से नागरिकों के लिए हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए. जैसी एडवायजरी अमेरिका ने अपने नागरिकों को यूक्रेन छोड़ने के लिए जारी की ठीक वैसी ही जर्मनी ने भी 12 फरवरी जारी की. 

मिस्र
मिस्र के कई छात्र यूक्रेन में फंसे हुए हैं. यूक्रेन में फंसे मिस्र के छात्र दूतावास से अधिकारियों को निकालने में मदद करने के लिए बुला रहे हैं, जबकि कुछ छात्रों ने मामलों को अपने हाथों में ले लिया और पोलैंड में सीमा पार कर गए. उन्हें उम्मीद है कि वह जल्द अपने घर पहुंच जाएंगे. हालांकि बॉर्डर पर इन छात्रों से कड़ी पूछताछ की जा रही है.  

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मोरक्को
मोरक्को दूतावास अपने नागरिकों को निकालने के लिए निकासी प्रक्रिया की बारीकी से निगरानी कर रहा है. दूतावास ने यूक्रेन में मोरक्को के लोगों को यूक्रेन और पोलैंड, रोमानिया, स्लोवाकिया या हंगरी में शामिल होने वाले नजदीकी  क्रॉसिंग-प्वाइंट के लिए जाने का निर्देश दिया है. नागरिकों की सहायता के लिए मोरक्को के लोगों को मुफ्त टोल फोन नंबर प्रदान किए. मोरक्को के कई नागरिक वर्तमान में यूक्रेन, पोलैंड, स्लोवाकिया, रोमानिया और हंगरी के बीच क्रॉसिंग प्वाइंट इंट की ओर बढ़ रहे हैं. 

नाइजीरिया
नाइजीरिया की सरकार की ओर से छात्रों को एडवायजरी जारी कर कह गया कि उन्हें रूस के यूक्रेन पर हमले की जानकारी मिली है. हवाईअड्डे खुलने के बाद सरकार छात्रों की मदद करेगी. नाइजीरिया के छात्रों ने महसूस किया कि उन्हें सरकार से बड़े पैमाने पर जो संदेश मिल रहा था, उससे ऐसी प्रतीत हुआ कि छात्र "अपने दम पर" यूक्रेन से वापस आने के लिए प्रयास करें. 

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Russia Ukarine War: India at the forefront of evacuation of citizens from Ukraine, know the condition of other
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यूक्रेन से नागरिकों को निकालने में भारत सबसे आगे, जानें अन्य देशों का हाल
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Russia Ukarine War: यूक्रेन से नागरिकों को निकालने में भारत सबसे आगे, जानें अन्य देशों का हाल