डीएनए हिंदी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने सोमवार को टेलीफोन पर बातचीत की, जिसमें द्विपक्षीय रक्षा सहयोग, उवर्रकों की आपूर्ति और रूस के सुदूर पूर्व क्षेत्र में भारत का संपर्क बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा हुई. व्लादिमीर पुतिन के 21वीं भारत-रूस वार्षिक शिखर बैठक के लिए दिल्ली की यात्रा करने के दो हफ्ते बाद यह वार्ता हुई है. रूसी राष्ट्रपति की यात्रा के दौरान द्विपक्षीय संबंधों को और विस्तारित करने के लिए 28 समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए थे.
पीएम मोदी ने ट्वीट किया, "अपने दोस्त, राष्ट्रपति पुतिन से बात की, ताकि उनकी हालिया भारत यात्रा के दौरान हुई हमारी चर्चा पर प्रगति का जायजा लिया जा सके. हम उर्वरकों की आपूर्ति सहित भारत-रूस सहयोग बढ़ाने के लिए आगे बढ़ने को सहमत हुए. हमने हालिया अंतरराष्ट्रीय घटनाक्रमों पर चर्चा की."
मास्को ने एक बयान में कहा कि दोनों नेताओं ने एशिया- प्रशांत क्षेत्र में स्थिति सहित अंतरराष्ट्रीय स्थिरता और सुरक्षा के मुद्दों पर विचारों का आदान प्रदान किया. रूस, हिंद-प्रशांत क्षेत्र को अक्सर एशिया-प्रशांत कह कर पुकारता है.
PMO से जारी एक बयान में कहा गया है कि दोनों नेताओं ने पुतिन की हालिया भारत यात्रा के दौरान चर्चा किए गए कुछ मुद्दों पर बातचीत की. इसमें कहा गया है, "आज की बातचीत ने इन मुद्दों पर भविष्य की रणनीतिक को दृढ़ करने में मदद की, जिनमें रक्षा सहयोग के लिए अवसरों को और बढ़ाने, उवर्रकों की आपूर्ति में सहयोग, रूस के सुदूर पूर्व में भारत का संपर्क बढ़ाना शामिल हैं. बातचीत में अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर भी विचारों का आदान प्रदान किया गया."
भारत रूस के सुदूर पूर्व में सहयोग मजबूत करने में रूचि दिखा रहा है. बयान में कहा गया है कि दोनों नेता भारत-रूस विशेष रणनीतिक साझेदारी के दायरे में आए सभी पहलुओं पर निरंतर संपर्क में बने रहने तथा द्विपक्षीय सहयोग लगातार और अधिक बढ़ाने को सहमत हुए.
रूसी बयान में कहा गया कि पीएम मोदी और राष्ट्रपति पुतिन ने एशिया-प्रशांत क्षेत्र में स्थिति सहित अंतरराष्ट्रीय स्थरिता व सुरक्षा के मुद्दों पर विचारों का आदान प्रदान जारी रखा. बयान में कहा गया है कि रूसी राष्ट्रपति और भारत के प्रधानमंत्री ने आगामी नववर्ष छुट्टियों की एक दूसरे को बधाई दी. विभिन्न क्षेत्रों में द्विपक्षीय संपर्क बढ़ाने पर सहमति बनी. (इनपुट- भाषा)
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