PM Modi in Russia: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रूस दौरे के दौरान एक बार फिर उनकी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की गहरी दोस्ती सामने आई है. 22वीं भारत-रूस शिखर वार्ता से पहले रूसी राष्ट्रपति ने पीएम मोदी को दोस्त के तौर पर अपने आवास पर निजी डिनर के लिए आमंत्रित किया, जहां दोनों नेताओं के बीच गर्मजोशी सभी के लिए आकर्षण का केंद्र रही. पुतिन ने भारतीय अंदाज में मोदी को गले लगाया और इसके बाद खुद इलेक्ट्रिक कार्ट ड्राइव करते हुए पीएम मोदी को अपने घर का पूरा भ्रमण भी कराया. इसी दौरान पीएम मोदी ने भी अपने दोस्त से एक 'खास' मांग कर दी, जिस पर पुतिन के मंजूरी की मुहर लगते ही भारत के बहुत सारे घरों के लिए खुशखबरी सामने आ गई. दरअसल पीएम मोदी ने रूसी राष्ट्रपति से उन भारतीय युवाओं को रिलीज करने की मांग की, जो रूसी सेना की तरफ से यूक्रेन युद्ध में अग्रिम मोर्चे पर लड़ने के लिए भेजे गए हैं. अब ये भारतीय नागरिक सेना से रिलीज किए जाएंगे, जिसके बाद वे वापस स्वदेश लौट पाएंगे.
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दो भारतीय युवाओं की हो चुकी है यूक्रेन युद्ध में मौत
रूस और यूक्रेन के बीच करीब ढाई साल से चल रहे युद्ध में रूसी सेना ने कई भारतीय युवाओं को लड़ने के लिए शामिल किया है. इन युवाओं को अगले मोर्चों पर तैनात किया गया है. इनमें से दो युवाओं की मौत बमबारी और फायरिंग की चपेट में आकर हो चुकी है. अब भी 30 से 40 भारतीय युवा युद्ध मोर्चे पर फंसे हुए हैं. इन भारतीयों के परिवार लगातार मोदी सरकार से अपने बच्चों को रूस से वापस लाने की गुहार लगा रहे हैं. इसके चलते दो दिवसीय दौरे पर मॉस्को पहुंचे पीएम मोदी ने रूसी राष्ट्रपति के सामने यह मुद्दा उठाया था. इससे पहले 4 जुलाई को विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भी रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव के सामने यह मुद्दा शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन से पहले उठाया था.
Благодарю президента Путина за то, что он принял меня сегодня вечером в Ново-Огарево. С нетерпением жду завтрашних переговоров, которые, несомненно, будут способствовать дальнейшему укреплению дружбы между Индией и Россией. pic.twitter.com/FpcNEaN8qI
— Narendra Modi (@narendramodi) July 8, 2024
नौकरी का झूठा झांसा देकर भेजा गया था मॉस्को
रूसी सेना में फंसे ज्यादातर भारतीय युवा नौकरी के नाम पर धोखे के शिकार हुए थे. उन्हें रूस में ऑफिस में काम करने के नाम पर भारत से भेजा गया था, लेकिन वहां जाकर उन्हें रूसी सेना में भर्ती कर लिए जाने की जानकारी मिली थी. इनमें से किसी भी युवा को सैन्य अनुभव नहीं था, फिर भी इन सभी को युद्ध में अग्रिम मोर्चे पर भेज दिया गया. नौकरी के नाम पर यह धोखा देने वालों में दुबई बेस्ड एक यूट्यूब चैनल संचालक का नाम सबसे आगे चल रहा है.
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पंजाब-हरियाणा के हैं ज्यादातर युवा
रूसी सेना की तरफ से लड़ने के लिए मजबूर अधिकतर युवा पंजाब और हरियाणा के हैं. हालांकि मरने वाले युवाओं में एक हैदराबाद का था. इनके कुछ वीडियो भी वायरल हुए हैं, जिनमें ये रूसी सेना की वर्दी में हाथों में हथियार लेकर दिखाई दिए हैं. इन वीडियो में ये युवा अपने साथ धोखा होने की बात कहते हुए मोदी सरकार से वतन वापसी के लिए रूस से बात करने की गुहार लगाते हुए भी दिखाई दिए हैं.
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'दोस्त' PM Modi ने मांगा ये तोहफा, Vladimir Putin ने झट से मान ली बात, भारत के लिए आ गई खुशखबरी