डीएनए हिंदी: कोरोना वैक्सीन के सिर्फ दो शॉट आपको कई बीमारियों से बचा सकते हैं. यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) की ओर से जारी हालिया रिपोर्ट के मुताबिक जिन्हें कोविड-19 (COVID-19) के खिलाफ बना टीका लगा है उनमें अन्य बीमारियों से मृत्यु की संभावना उन लोगों की तुलना में कम है, जो अनवैक्सीनेटेड हैं.
कायसर परमानेंट साउदर्न कैलिफोर्निया (Kaiser Permanente Southern California) के स्टेनली जू (Stanley Xu ) की एक स्टडी के मुताबिक जिन लोगों को फाइजर-बायोएनटेक, मॉडर्ना, या जॉनसन एंड जॉनसन के COVID-19 का टीका लगाया गया है, उनमें मौत का खतरा एक शॉट लगवाने वाले लोगों की तुलना में कम था.
दिसंबर 2020 से लेकर जुलाई 2021 के बीच कुल 7 वैक्सीन सेफ्टी डेटा लिंक (VSD) साइट्स पर कुल 11 मिलियन लोगों ने नामांकन किया था. यह स्टडी सीडीसी और 9 स्वास्थ्य सेवा संगठनों के बीच एक सहयोगात्मक अभियान के तहत की गई. इसमें कुल 11 मिलियन लोगों पर वैक्सीन के प्रभाव का अध्ययन किया गया, जिसके तहत मेडिकल टेस्ट्स में डिजिटल साक्ष्य जुटाए गए.
टीकाकरण से घट रही मृत्युदर
जिन लोगों को फाइजर-बायोएनटेक और मॉडर्न टीके लगाए गए उनमें जॉनसन एंड जॉनसन वैक्सीन लगावने वालों की तुलना में मृत्यु दर कम थी. शोध के मुताबिक जिन प्रतिभागियों को फाइजर-बायोएनटेक वैक्सीन के दो शॉट लगे थे उनमें उन लोगों की तुलना में 34 प्रतिशत अधिक इम्युनिटी मिली थी, जिन्होंने किसी वजह से वैक्सीन नहीं लगावाई थी. स्टडी के मुताबिक जिन लोगों को जॉनसन एंड जॉनसन का टीका लगाया गया था, उनकी इम्युनिटी बीमारियों से मौत के खिलाफ 54 फीसदी बढ़ गई थी, जिन्होंने कोरोना का एक भी डोज नहीं लगवाया था. अध्ययन में पाया गया कि रोग से लड़ने में टीकाकरण सुरक्षित और प्रभावी दोनों हैं.
भारत में टीकाकरण ने घटाई मृत्युदर
भारत में कोरोना वैक्सीनेशन अभियान तेजी से चल रहा है. कोरोना के मामलों में लगातार गिरावट देखी जा रही है. अब तक कुल 1,06,85,71,879 वैक्सीन की डोजें लगाई जा चुकी हैं. वहीं देश की 78 फीसदी आबादी को वैक्सीन की पहली डोज लग चुकी है. यही वजह है कि मृत्युदर 1 फीसदी के आस-पास पहुंच गई है.
टीकाकरण के बाद भी कोरोना नियमों का करें पालन
भारत में भले ही कोरोना नियंत्रण में दिख रहा है लेकिन केंद्र और राज्य सरकारें लगातार लोगों से कोरोना नियमों के पालन का अनुरोध कर रही हैं. सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क और सैनिटाइजर का इस्तेमाल अब भी जरूरी है. सामूहिक आयोजनों में संख्या का ध्यान रखना भी जरूरी है. अगर कोरोना की तीसरी लहर को रोकना है कि हमें कोविड से बचने के लिए सभी प्रोटोकॉल का पालन जरूर करना चाहिए.
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