डीएनए हिंदी: पाकिस्तान में इमरान खान की सरकार अल्पमत में आ गई है. इमरान खान ने गुरुवार को अपने देश को संबोधित करते हुए विदेशी ताकत पर उनकी सरकार के खिलाफ साजिश रचने का आरोप लगाया. इस बीच पाकिस्तानी संसद के सदस्य और पाकिस्तान हिंदू परिषद के संरक्षक जनरल डॉक्टर रमेश कुमार वांकवानी ने इमरान सरकार पर विदेश नीति कमजोर करने का आरोप लगाया है.
उन्होंने शुक्रवार कूटनीति में गोपनीयता सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर बल देते पाकिस्तान सरकार पर पाकिस्तान की कूटनीति और विदेश नीति के मानदंडों को कमजोर करने का आरोप लगाया. इमरान खान के विवादास्पद पत्र मुद्दे पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए, वांकवानी ने कहा कि विदेश नीति और कूटनीति को नियंत्रित करने वाले कुछ मानदंड और नैतिकताएं थीं, जिनमें से सबसे महत्वपूर्ण 'गोपनीयता' थी.
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— Ravinder Singh Robin ਰਵਿੰਦਰ ਸਿੰਘ رویندرسنگھ روبن (@rsrobin1) April 1, 2022
While criticizing Pakistan's the current foreign policy , @RVankwani revealed that even after #PulwamaAttack he had tried to improve bilateral relations in a meeting with the then Indian FM #SushmaSwaraj but due to the arrogance of Pak rulers, all our efforts were in vain. pic.twitter.com/Um7FRlwx0u
उन्होंने कहा, "गोपनीयता का कोई संकेत नहीं है. इस पत्र पर जिस तरह का प्रचार किया जा रहा है और आगामी चुनावों के लिए बयान जारी करने के लिए इसका इस्तेमाल करने के संकेत दिए गए हैं, क्या कभी किसी राजनीतिक दल के किसी सदस्य ने इस बात पर विचार किया है कि इससे पाकिस्तान को कितना नुकसान होगा?"
यह कहते हुए कि कूटनीतिक गतिविधियों को शायद ही कभी प्रचारित किया गया हो, डॉ वांकवानी ने कहा कि पाकिस्तान फोटोग्राफी के माध्यम से उसी का दस्तावेजीकरण करने पर निर्भर है. उन्होंने कहा कि हम केवल राजनयिक गतिविधियों की तस्वीरें चाहते हैं, जबकि अन्य देश गुप्त रूप से कूटनीति में लिप्त हैं.
उन्होंने कहा कि आज पाकिस्तान की सरकार रूस के साथ गैस पाइप लाइन की बात कर रही है जबकि ईरान के साथ उस वक्त गैस पाइप लाइन का समझौता हुआ जब ईरान पर प्रतिबंध लगाए गए थे.
उन्होंने कहा, "पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी सरकार ने ईरान पर प्रतिबंध होने के बावजूद ईरान-पाकिस्तान गैस पाइपलाइन परियोजना का उद्घाटन किया था. ईरान ने अपने क्षेत्र में निर्माण कार्य पूरा कर लिया है. जनहित के इस बेहतरीन प्रोजेक्ट पर अगर प्रगति होती तो बिजली की लोड शेडिंग और ऊर्जा संकट आज की तरह बेकाबू न होता बल्कि भारत भी अपनी ऊर्जा जरूरतों के लिए पाकिस्तान पर निर्भर होता."
उन्होंने इमरान सरकार की निंदा करते हुए कहा कि इस प्रोजेक्ट पाकिस्तान की भारत से रॉयल्टी के रूप में करोड़ों डॉलर कमाने में मदद की होती. उन्होंने कहा, "उन्होंने उस परियोजना को पूरा नहीं किया और अब वे रूस के साथ ऐसे प्रोजेक्ट के बारे में विचार कर रहे हैं."
रमेश कुमार वंकवानी ने आगे कहा कि मेरी एक दो राजदूतों से बात हुई उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को इमरान सरकार की गलती का खामियाजा भुगतना पड़ेगा. जो मंत्री आज कह रहे हैं कि वो इमरान खान के साथ चट्टान की तरह खड़े हैं, वो उन्हें चट्टान की तरफ छोड़ के चले जाएंगे.
यह कहते हुए कि पाकिस्तान के नेतृत्व ने अतीत में कई गलत निर्णय लिए हैं, उन्होंने कहा कि यह पाकिस्तान और उसके मौजूदा मामलों के बारे में गंभीरता से विचार करने का समय है. उन्होंने कहा, "आइए अपने स्वार्थों को एक तरफ रख दें. हम अपनी मातृभूमि पाकिस्तान के कारण हैं. अपने राजनीतिक अहंकार के कारण हमारे देश को बर्बाद न करें. हमारी सरकार के खिलाफ किसी साजिश की भनक न तो हमारी खुफिया एजेंसियों को और न ही हमारे विदेश मंत्रालय को. ऐसी कोई विदेश नीति नहीं है जो किसी अन्य देश द्वारा आपत्ति उठाएगी."
उन्होंने कहा कि समय की मांग है कि पाकिस्तान को आगे ले जाने के लिए दूरदर्शी, वरिष्ठ राजनेताओं का एक ग्रुप बनाया जाए, जो राजनीति की बारीकियों से अच्छी तरह वाकिफ हो. उन्होंने कहा कि एक अच्छी आर्थिक नीति सुनिश्चित करने के लिए एक मजबूत विदेश नीति की सख्त जरूरत है.
(रिपोर्ट- रविंद्र सिंह रॉबिन)
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