डीएनए हिंदी: भारत का पड़ोसी देश इन दिनों भीषण बाढ़ से जूझ रहा है. कई शहरों और गांवों में लबालब पानी भरा हुआ है और सड़कें तालाब बन गई हैं. पाकिस्तान में बाढ़ की वजह से होने वाली घटनाओं के चलते अब तक एक हजार से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है. नदियों में अचानक पानी बढ़ जाने से तबाही मची हुई है. सामने आए वीडियो में देखा जा सकता है कि नदियों के किनारे बनी इमारतें ताश के पत्तों की तरह ढह जा रही हैं. एक रिपोर्ट के मुताबिक, नदियों के आसपास हुए अवैध अतिक्रमण और नदियों के डूब क्षेत्र में हुए अवैध कब्जे के चलते यह बाढ़ और भी खतरनाक हो गई है.
पाकिस्तानी सरकार के अनुमान के मुताबिक, बाढ़ की वजह से उसे अब तक 10 करोड़ अमेरिकी डॉलर से ज्यादा का नुकसान हो चुका है. दुनिया के कई देशों ने पाकिस्तान की मदद के लिए हाथ भी बढ़ाया है. पर्यावरण विशेषज्ञ पाकिस्तान की इस बाढ़ को जलवायु परिवर्तन से हुई तबाही बता रहे हैं. बाढ़ की वजह से पाकिस्तान का शिनवारी होटल का एक हिस्सा पल भर में तबाह हो गया.
यह भी पढ़ें- Kabul में रूसी दूतावास के पास धमाके में दो कर्मचारियों समेत 20 की मौत, हफ्ते में दूसरी बार हुआ हमला
बाढ़ में ही बह गया था होटल शिनवारी, फिर से नदी किनारे ही बना दिया
पर्यावरणविदों का मानना है कि बाढ़ की वजह से होटल का बह जाना यह दिखाता है कि 2010 में आई बाढ़ से किसी ने कुछ नहीं सीखा. 2010 की बाढ़ में भी होटल शिनवारी बह गया था. एक बार बाढ़ में बह चुके इसी होटल को नदी के किनारे ही दूसरी बार बना दिया गया. दूसरी बार इसे और बड़ा बनाया गया और पांच फ्लोर की बिल्डिंग में कुल 160 कमरे बना दिए गए. इसी साल यह होटल पूरी तरह से चालू हुआ था.
यह भी पढ़ें- पाकिस्तान में बाढ़ से अब तक 1,300 लोगों की मौत, संक्रमण रोगों से बचाव के प्रयास जारी
एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस होटल को बनाते समय नदी संरक्षण कानून, 2002 का उल्लंघन किया है, इस कानून के मुताबिक नदी से 200 फीट दूरी तक कोई निर्माण नहीं किया जा सकता. होटल से जुड़े लोगों का कहना है कि अगर यह अवैध था तो हमें NOC कैसे मिल गया? यह तो सिर्फ़ एक उदाहरण है. पाकिस्तान के अलग-अलग शहरों में सैकड़ों ऐसी इमारते हैं जिन्हें नदी के डूब क्षेत्र में अतिक्रमण करके बनाया गया है. ये इमारतें नदी के प्रवाह को प्रभावित करती हैं और बाढ़ के समय ये खतरे को कई गुना बढ़ा देती हैं.
भारत में भी खतरे में हैं नदियां
नदियों के डूब क्षेत्र में होने वाला अतिक्रमण पाकिस्तान में ही नहीं होता है. भारत की कई नदियां भी इसका शिकार हैं. मुंबई की मीठी नदी हो या कई राज्यों से गुजरने वाली गंगा और यमुना, हर नदी के डूब क्षेत्र में अतिक्रमण के कई मामले सामने आ चुके हैं. साल 2013 में केदारनाथ में हुई त्रासदी इसका सबसे बड़ा उदाहरण है जिसमें सैकड़ों ऐसी इमारतें बह गईं जो डूब क्षेत्र में बनाई गई थीं.
यह भी पढ़ें- Elon Musk का वीडियो स्ट्रीम किया तो हैक हो गया दक्षिण कोरियाई सरकार का YouTube चैनल
भारत के कई शहरों में बढ़ती जनसंख्या के दबाव के चलते नदियों और जल संरचनाओं पर अतिक्रमण आम बात हो गई है. बेंगलुरु शहर इसका सबसे बड़ा उदाहरण है जहां तालाबों और झीलों पर कब्जे की वजह से वाटर लेवल काफी नीचे चला गया है. एक्सपर्ट्स का मानना है कि नदियों में अतिक्रमण बाढ़ से होने वाले नुकसान का एक बड़ा कारण है और भारत के लिए भी यह काफी खतरनाक है.
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर.
- Log in to post comments
जानिए क्यों डूब रहा है पाकिस्तान? खतरा ऐसा कि भारत को भी हो जाना चाहिए सावधान