डीएनए हिंदी: विदेश मंत्री एस. जयशंकर (S. Jaishankar) बुधवार को संयुक्त अरब अमीरात (UAE) की राजधानी अबू धाबी (Abu Dhabi) पहुंचे, जहां उन्होंने मिडिल ईस्ट एशिया के पहले पारंपरिक हिंदू मंदिर में भारतीय ईंट समर्पित की. उत्तरी राजस्थान से लाए गए गुलाबी पत्थर (Pink Sandstone) से बन रहे इस मंदिर को जयशंकर ने 'शांति, सहिष्णुता व सद्भाव का प्रतीक' बताया है.
2015 में पीएम मोदी के पहले दौरे पर दी थी यूएई सरकार ने जमीन
इस मंदिर के निर्माण के लिए अगस्त 2015 में यूएई की सरकार ने जमीन उपलब्ध कराने की घोषणा की थी. यह घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के पहले यूएई दौरे के दौरान की गई थी, जिसे भारत और यूएई के बीच बढ़ते दोस्ताना संबंधों का प्रतीक माना गया था. इसके बाद अबू धाबी के क्राउन प्रिंस शेख मुहम्मद बिन जायद अल नाहयान (Sheikh Mohammed bin Zayed Al Nahyan) ने मंदिर के लिए जमीन गिफ्ट की. मंदिर के निर्माण का शिला पूजन भी 11 फरवरी, 2018 को प्रधानमंत्री मोदी के यूएई दौरे के दौरान ही किया गया.
Auspicious beginning to the visit of EAM @DrSJaishankar.EAM visited the @BAPS @AbuDhabiMandir site and laid a brick in its intricate architecture.Also hailed the efforts of all Indians in building the iconic Temple,a symbol of peace, tolerance and harmony @MEAIndia @sunjaysudhir pic.twitter.com/gTFOsyvC4I
— India in UAE (@IndembAbuDhabi) August 31, 2022
ये हैं अबूधाबी के मंदिर की कुछ खास बातें
अबू धाबी में बोचासनवासी अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण मंदिर का निर्माण करीब 55,000 वर्ग मीटर जमीन पर हो रहा है. यह 100 एकड़ में बने दिल्ली के स्वामीनारायण अक्षरधाम मंदिर से छोटा है, लेकिन आकार में अमेरिका के न्यूजर्सी में बने अक्षरधाम मंदिर के बराबर है.
On Ganesh Chaturthi, blessed to visit the @BAPS Hindu temple under construction in Abu Dhabi.
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) August 31, 2022
Glad to see the rapid progress and deeply appreciate the devotion of all involved. Met the BAPS team, community supporters and devotees and workers at the site. pic.twitter.com/7ZezrfvkuR
अबू धाबी से दुबई के बीच अल रहाबा (Al Rahba) जिले में बने इस मंदिर की कलाकृतियों को भारतीय कारीगर तराश रहे हैं, जिन्हें बाद में यूएई के विभिन्न हिस्सों में जोड़ा गया है. पूरी तरह निर्मित होने के बाद इसमें स्वामीनारायण, अक्षर पुरुषोत्तम महाराज, शिव, कृष्ण, राम, जगन्नाथ, वेंकटेश और अयप्पन भगवान की मूर्तियां मौजूद रहेंगी. राजस्थान से आए गुलाबी पत्थर के अलावा यूरोप से आए मार्बल का भी मंदिर के अंदरूनी भाग के निर्माण में उपयोग हो रहा है.
- 2018 में शुरू हुआ था इस मंदिर का निर्माण
- 2024 में खत्म होगा परिसर का पूरा कंस्ट्रक्शन
- 05 अक्टूबर, 2022 को मंदिर भक्तों के लिए खुल जाएगा
- 55,000 वर्ग मीटर एरिया में बनाया गया है ये मंदिर
- 108 फुट ऊंचा होगा मंदिर के गर्भगृह का भवन
- 40,000 स्क्वायर फुट मार्बल लगाया जा रहा मंदिर में
- 1.8 लाख स्क्वायर फुट पिंक सेंडस्टोन होगा उपयोग
- 18 लाख ईंट लगाई जा रही हैं मंदिर के निर्माण में
Here’s an inside look at the new Hindu Temple & Guru Darbar located in Dubai’s Corridor of Tolerance in Jabel Ali❤️✨
— Lovin Dubai | لوڤن دبي (@lovindubai) August 31, 2022
Video via: @LotusBharat
#dubai #uae #hindutemple #jabelali pic.twitter.com/TU4Lj8cgmu
अक्टूबर में खुल जाएंगे भक्तों के लिए कपाट
मंदिर का निर्माण कार्य पूरी तरह से साल 2024 में पूरा होगा, लेकिन इसके कपाट भक्तों के लिए आगामी अक्टूबर महीने में ही खोल दिए जाने की योजना है. जानकारी के मुताबिक, 5 अक्टूबर से भक्तों को क्यू-आर कोड व्यवस्था के जरिए इस मंदिर में एंट्री मिलने लगेगी.
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UAE में Jaishankar पहुंचे मिडिल ईस्ट के पहले हिंदू मंदिर, राजस्थान से है खास रिश्ता, जानिए सबकुछ