डीएनए हिंदी : कई देशों से कोविड के चौथे लहर की ख़बरें आ रही हैं, इस बीच एक नई बीमारी ने भी सर उठाना शुरू कर दिया है. लासा(Lassa Fever) नामक यह बीमारी अफ्रीकी देश नाइजीरिया(Nigeria) में अब तक 123 लोगों की जान ले चुकी है. अंदेशा है कि कोविड के चौथे लहर के बढ़ते प्रभाव के बीच लासा बुख़ार भी अपने भीषण रूप में आ सकता है. ऐसा हुआ तो यह नाइजीरिया(Nigeria) सरीख़े देशों के लिए चुनौतीपूर्ण होगा.
क्या है यह लासा फ़ीवर?
वायरल लोड की वजह से होने वाली इस बीमारी के बारे में वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाइजेशन(WHO) का कहना है कि यह एक्यूट वायरल हैमरेज वाली बीमारी है जो 2 से 21 दिनों तक रहती है. पश्चिमी अफ्रीका में जानलेवा असर दिखा रही इस बीमारी को जानवरों की वजह से हुआ माना जा रहा है.
किस तरह फ़ैल रही है यह बीमारी
ज़ूनोटिक अर्थात जानवरों से मनुष्यों में फ़ैलने वाली इस बीमारी का प्रसार आमतौर पर संक्रमित जानवरों के मल-मूत्र संपर्क में आने से होता है. यह मूलत: तब होता है जब संक्रमित जानवरों के मल अथवा मूत्र के सम्पर्क मे कोई खाद्य पदार्थ या घर का कोई सामान आ जाता है. WHO के मुताबिक़ यह बीमारी मनुष्यों से मनुष्यों में भी फ़ैल सकती है. अगर सफाई का ख़ास ख़याल नहीं रखा गया तो यह लेबोरेटरी और हॉस्पिटल में भी एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फ़ैल सकता है.
क्या हैं इसके लक्षण
लासा बीमारी(Lassa Fever) के संक्रमण के अधिकतर मामले काफ़ी हल्के लक्षण नज़र आते हैं. हां, हर पांच में से एक व्यक्ति गम्भीर लक्षणों की शिकायत कर सकता है. इन मामलों में सांंस लेने में तकलीफ़, कंपकंंपी, दिमागी बुखार के साथ-साथ मल्टी-ऑर्गन फेल्यर जैसी समस्याएं आ सकती हैं. ये समस्याएं इतनी गंभीर होती हैं कि मौत भी हो सकती है. एक तिहाई मामलों में सुनने की क्षमता का खत्म होना या उसमें कमी भी इसके लक्षणों के तौर नज़र दिखे हैं. हालांकि इस बीमारी में वर्तमान मृत्यु दर 1% पर गंभीर रूप से बीमार और हॉस्पिटलाइज़ेशन के केस में यह 15% है.
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