डीएनए हिंदी: इस्लाम धर्म (Islamic Religion) में हज यात्रा (Hajj Yatra 2022) को बहुत महत्व दिया जाता है. कहा जाता है कि इस्लाम में अगर किसी ने हज नहीं किया तो कुछ अधूरा सा रह जाता है लेकिन हज करना हर किसी के बस में नहीं है. शारीरिक और आर्थिक रूप से जो सक्षम होते हैं वे ही हज पर जाते हैं. इस साल 7 जुलाई से हज यात्रा शुरू हो गई, ये यात्रा 40 दिन तक चलती है.
इस्लामिक कैलेंडर (Islamic Calendar) के 12वें महीने जिल हिज्जाह की 8वीं तारीख से 12वीं तारीख तक हज होता है और जिस दिन हज पूरा होता है उस दिन ही ईद-उल-अजहा यानी बकरीद मनाई जाती है.
पांच स्तंभों में से एक है हज यात्रा
इस्लामिक मान्यताओं के मुताबिक इस यात्रा के संपन्न होने की तारीख में बदलाव भी हो सकता है, इस्लाम के पांच स्तंभों में से एक हज यात्रा है. कोरोना की वजह से पिछले दो सालों से यात्रा नहीं हो पा रही थी लेकिन इस साल भारी संख्या में लोग गए हैं. हज यात्रा के लिए कुछ नियमों का पालन करना पड़ता है और कुछ बातों का ख्याल भी रखना होता है. आज हम उसपर ही चर्चा करेंगे
मुस्लिम परंपराओं का पालन
इस्लाम के हर अनुयायी के लिए हज यात्रा को लेकर गहरी भावना जुड़ी होती है.पूरे दुनिया में फैले मुसलमान हज अदा करने के लिए सऊदी अरब के मक्का शहर में इकट्ठा होते हैं. वहां कई दिन तक रह कर अलग-अलग रीति-रिवाजों का पालन करते हैं. इन रिवाजों के मताबिक हज में पुरुष सफेद रंग का बिना सिला लिबास पहनते हैं.
महिलाएं मुंह को छोड़कर पूरा शरीर ढकने वाले कपड़े पहनती हैं, इसे इहराम बांधना कहते हैं. हज यात्रियों को परफ्यूम लगाने, नाखून काटने या बाल और दाढ़ी काटने की मनाही होती है. इसके अलावा हज यात्रियों को आपस में बहस करने और झगड़ने पर भी पाबंदी होती है.
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हज यात्रा से जुड़ी अहम बातें
हज यात्री धुल हिज्जा महीने के सातवे दिन मक्का पहुंचते हैं और इहराम बांधते हैं. यह एक तरह का सफेद रंग का बिना सिला हुआ कपड़ा होता है, जिसे पुरुष शरीर पर लपेटते हैं, वहीं महिलाएं हिजाब के साथ कोई भी सादा कपड़ा पहन सकती हैं.
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इहराम पहनने के बाद तवाफ होता है. यानी कि हज यात्रा करने वाले हाजी हज के पहले दिन काबा के 7 चक्कर लगाते हैं और फिर सफा और मरवा पहाड़ी के भी 7 चक्कर लगाते हैं. इसके बाद हाजी मक्का से 8 किलोमीटर दूर मीना में रात की नमाज पढ़ते हैं.
हज यात्रा के दौरान जमारात पर पत्थर फेंकने की रस्म भी बहुत अहम होती है. इसके साथ ही हाजी अल्लाह से अपने पापों को माफ करने की दुआ मांगते हैं. इसके लिए वे एक पूरी रात खुले में बिताते हैं. इसी दिन बकरीद मनाई जाती है.
हज यात्रा के बाद हाजी अपना मुंडन कराते हैं. कुछ लोग अपने बाल कटाते हैं. इसके साथ ही हज यात्रा पूरी होती है.
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Hajj Yatra 2022: मुसलमानों के पांच स्तंभों में से एक है 'हज यात्रा', जानिए इस यात्रा से जुड़ी सभी अहम बातें