डीएनए हिंदी: तेल संपदा से भरपूर एशियाई देश कजाकिस्तान में हिंसा और आगजनी की कई घटनाएं हुई हैं. देश में गृहयुद्ध जैसे हालात हैं. प्रदर्शनकारियों ने पुलिसकर्मियों की गला काटकर हत्या कर दी है. दूसरी ओर पुलिसकर्मियों ने भी गोलियां चलाई हैं. अब तक की हिंसा में 48 लोगों के मारे जाने की खबर है. बिगड़ते हालात के बीच रूस ने अपनी सेना देश में भेजी है. राष्ट्रपति ने बिना चेतावनी दिए गोली चलाने की अनुमति दे दी है.
दर्जनों प्रदर्शनकारियों को मारी गई गोली
प्रदर्शनकारियों पर पुलिस बल और सुरक्षाकर्मियों ने गोलियां बरसाई हैं. दोनों तरफ की हिंसा में 18 पुलिसकर्मियों की भी मौत हो गई है. मृतकों का आंकड़ा इससे कहीं ज्यादा होने का अनुमान लगाया जा रहा है.
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सरकार ने दिया इस्तीफा, बिल्डिगों में आगजनी
जारी हिंसा और बिगड़ते हालात के बाद सरकार ने इस्तीफा दे दिया है. वहीं प्रदर्शन के मुख्य केंद्र अलमाती में लोग सड़कों पर उतर गए हैं. प्रदर्शनकारियों ने कई सरकारी बिल्डिंग को आग के हवाले कर दिया है. इनमें मेयर का दफ्तर भी शामिल है. बताया जा रहा है कि हिंसा की एक घटना में एक पुलिसकर्मी का बेरहमी से सिर कलम किया गया है.
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सोवियत संघ से अलग होकर बना कजाखस्तान
तीन दशक पहले सोवियत संघ से आजाद होकर स्वतंत्र देश के तौर पर कजाकिस्तान अस्तित्व में आया. मध्य एशियाई देश अब तक के सबसे भीषण विरोध-प्रदर्शनों का सामना कर रहा है. एलपीजी ईंधन की कीमतों में जबरदस्त वृद्धि को लेकर रविवार को प्रदर्शन शुरू हुए.देश के पश्चिम में शुरू हुआ प्रदर्शन अलमाती और राजधानी नूर-सुल्तान तक फैल गया. रूसी समाचार एजेंसी के अनुसार, हजारों लोग कथित रूप से डंडे और ढाल लेकर सड़कों पर उतर आए हैं.
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