डीएनए हिंदी: जापान में आतंकी संगठन के रूप में प्रतिबंधित जापानी रेड आर्मी की सह-संस्थापक फुसाको शिगेनोबु 20 साल से जेल में बंद थी. सजा पूरी होने बाद और निर्दोष लोगों को चोट पहुंचाने के लिए माफी मांगने के बाद फुसाको को शनिवार को जेल से रिहा कर दिया गया.
जेल से बाहर आने के बाद फुसाको शिगेनोबु ने कहा, 'मैं यकीनन महसूस कर पा रही हूं कि मैं आखिरकार जीवित बाहर आ गई हूं.' शिगेनोबू के जेल से बाहर निकलने पर उसकी बेटी, पत्रकारों और समर्थकों की भीड़ ने उनकास्वागत किया. फुसाको शिगेनोबु ने कहा, 'मैंने अपने संघर्षों को प्राथमिकता देकर उन निर्दोष लोगों को चोट पहुंचाई है जिन्हें मैं जानती तक नहीं थी. हालांकि, वे अलग-अलग समय में हुए थे लेकिन इनके लिए मैं इस अवसर पर तहे दिल से माफी मांगना चाहूंगी.'
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कई देशों में हमलों का आरोपी रही है 'जापानी रेड आर्मी'
आपको बता दें कि शिगेनोबु को हेग, नीदरलैंड में 1974 में फ्रांसीसी दूतावास की घेराबंदी की सरगना करार देते हुए दोषी ठहराया गया था. उसे 2000 में मध्य जापान के ओसाका में गिरफ्तार किया गया था, जहां वह छिपी हुई थी. 1971 में गठित और फलस्तीनी उग्रवादियों से जुड़ी रेड आर्मी ने 1975 में मलेशिया के कुआलालंपुर में अमेरिकी वाणिज्य दूतावास पर कब्जा सहित कई हमलों की जिम्मेदारी ली थी.
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कहा जा है कि यह संगठन 1972 में तेल अवीव, इजरायल के पास अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर मशीन-गन और ग्रेनेड हमले के भी जिम्मेदार था, जिसमें दो आतंकवादियों सहित 28 लोग मारे गए थे और दर्जनों लोग घायल हो गए. इन हमलों में शिगेनोबु प्रत्यक्ष रूप से मौजूद नहीं थी.
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जेल में ही हुई कैंसर की सर्जरी
अपनी गिरफ्तारी के एक साल बाद, उसने संगठन को भंग कर दिया था. जापानी मीडिया रिपोर्टों में कहा गया है कि शिगेनोबु की कैद के दौरान कैंसर की सर्जरी हुई थी. इजरायली हवाई अड्डे पर हमले में घायल और गिरफ्तार किए गए कोजो ओकामोटो को 1985 में इजरायली और फलस्तीनी सेनाओं के बीच कैदियों की अदला-बदली में रिहा किया गया था. वह कथित तौर पर लेबनान में है. ओकामोटो और संगठन के कई अन्य सदस्य अब भी वॉन्टेड हैं और जापानी अधिकारियों को उनकी तलाश है.
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जापान में रेड आर्मी बनाकर कई देशों में मचाया था आतंक, फुसाको शिगेनोबु को 20 साल बाद मिली रिहाई