डीएनए हिंदी: यरूशलम (Jerusalem) के अल-अक्सा मस्जिद (Al-Aqsa mosque) परिसर में शुक्रवार को फलस्तीनियों (Palestinian) की इजरायली पुलिस के साथ हिंसक झड़प हो गई है. रमजान (Ramadan) में नमाज के लिए मस्जिद में हजारों लोग मौजूद थे. हेल्थ वर्कर्स ने कहा है कि हिंसा में 150 से ज्यादा फलस्तीनी घायल हो गये.
यह पवित्र स्थल यहूदी (Jews) और मुस्लिम (Muslim) धर्म से जुड़ा है. इजरायल और फलस्तीन के बीच संघर्ष के अक्सर केंद्र में यह मंदिर रहता है. हिंसा के हालिया दौर के बीच तनाव बढ़ गया था. इस स्थान पर पिछले साल हुई झड़प के चलते गाजा पट्टी में हमास चरमपंथियों के साथ 11 दिनों का संघर्ष शुरू हो गया था. यह झड़प बेहद संवदेनशील मौके पर हुई है.
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क्या है विवाद की वजह?
रमजान के दौरान इस साल शुक्रवार से हफ्ते भर का यहूदी और क्रिश्चियन लीव भी शुरू हो रहा है, जो ईस्टर रविवार को खत्म होगा. इन दिनों में हजारों लोग यरूशलम के पुराने शहर में उमड़ रहे हैं. यहां जहां तीनों धर्मों के पवित्र स्थल हैं. झड़प शुरू होने के कुछ घंटों बाद पुलिस ने घोषणा की कि हिंसा पर काबू पा लिया गया है. सैकड़ों संदिग्धों को हिरासत में लिया है.
स्थल के इस्लामी शाखा के मुताबिक, मस्जिद को फिर से खोल दिया गया है. करीब 60,000 लोग दोपहर में शुक्रवार की नमाज में शामिल हुए. नमाज के बाद हजारों फलस्तीनियों ने मैदान में मार्च किया. उन्होंने गाजा में शासन करने वाले इस्लामी चरमपंथी समूह हमास के समर्थन में नारे भी लगाए. कुछ लोगों के हाथों में फलस्तीनी और हमास झंडे थे.
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इजरायली अधिकारियों ने कहा कि उसने शांति सुनिश्चित करने के लिए हिंसा से पहले मुस्लिम नेताओं के साथ वार्ताएं की थीं. लेकिन पुलिस ने बताया कि फलस्तीनियों ने परिसर के अंदर पत्थर व अन्य वस्तुएं जमा की तथा मुगराबी गेट पर पथराव किया, जो वेस्टर्न वाल की ओर जाता है, जिससे हिंसा भड़क गई.
कैसे भड़की थी हिंसा?
फलस्तीनी चश्मदीदों का कहना है कि फलस्तीनियों के एक छोटे समूह ने पुलिस पर पथराव किया, जिसके बाद पुलिस बलपूर्वक परिसर में घुसी और हिंसा भड़क गई. फलस्तीनी, अल अक्सा में पुलिस की किसी बड़ी तैनाती को उकसावे के तौर पर देखते हैं. फलस्तीनियों ने पथराव किए पटाखे फेंके और पुलिस ने मस्जिद के चारों ओर स्थित मैदान में आंसू गैस के गोले छोड़े.
फलस्तीनियों का एक बड़ा समूह मस्जिद के अंदर अवरोधकों की आड़ में मौजूद रहा क्योंकि वे इजरायली सुरक्षा बलों का मुकाबला कर रहा था. इजरायली पुलिस बाद में मस्जिद में घुसी और उसके अंदर मौजूद लोगों को गिरफ्तार किया. फलस्तीनी रेड क्रेसेंट आपात सेवा के मुताबिक 152 लोगों का इलाज जारी है. उनमें से कई लोग रबर की गोलियां लगने, ग्रेनेड से चोट लगने या लाठी की पिटाई से घायल हुए हैं.
क्या है इजरायली पुलिस का रिएक्शन?
इजरायली पुलिस ने कहा कि पथराव में तीन इजरायली पुलिसकर्मी घायल हो गए. इस पवित्र स्थल के संरक्षक एवं पड़ोसी देश जॉर्डन तथा फलस्तीनी प्राधिकरण ने एक संयुक्त बयान जारी कर इजरायल पर एक खतरनाक एवं निंदनीय हमला करने का आरोप लगाया, जो स्थिति को भड़का सकती है. इजरायली प्रधानमंत्री नफ्ताली बेनेट ने कहा कि अधिकारी टेंपल माउंट और पूरे इजरायल में चीजों को शांत करने के लिए काम कर रहे हैं साथ ही, किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं.
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क्या बोले इजरायल के सुरक्षा मंत्री?
इजरायल के राष्ट्रीय सुरक्षा मंत्री उमर बारलेव ने कहा कि इजरायल की पवित्र स्थल पर हिंसा करने में कोई रुचि नहीं है लेकिन पुलिस को उस पर पथराव करने और धातु की छड़ों से हमला करने वाले हिंसक तत्वों के खिलाफ कार्रवाई करनी पड़ी. उन्होंने कहा कि इजरायल प्रार्थना करने के यहूदियों और मुसलमानों की स्वतंत्रता के समान अधिकार के लिए प्रतिबद्ध है. यह मस्जिद मक्का और मदीना के बाद इस्लाम में तीसरा सबसे पवित्र स्थल है.
यह स्थल एक पहाड़ी की चोटी पर स्थित है जो यहूदियों के लिए सबसे पवित्र स्थल है. यहूदी इसे टेंपल माउंट कहते हैं. यह इजरायल-फलस्तीनी हिंसा का दशकों से एक प्रमुख बिंदु रहा है. फलस्तीनियों के घातक हमले में इजरायल में 14 लोगों की मौत के बाद से हालिया सप्ताह में तनाव बढ़ गया है.
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धार्मिक स्थल पर है इजरायल का कब्जा
इजरायल ने कब्जे वाले वेस्ट बैंक से कई लोगों को गिरफ्तार किया है एवं वहां कई सैन्य अभियान चलाए हैं और इस दौरान हुए संघर्षों में कई फलस्तीनी मारे गए हैं. फलस्तीनियों को आशंका है कि इजरायल स्थल पर कब्जा करना चाहता है या इसका विभाजन करना चाहता है. इजरायली अधिकारियों ने कहा कि वे यथास्थिति बनाए रखने को लेकर प्रतिबद्ध हैं लेकिन बीते कुछ सालों में बड़ी संख्या में पुलिस की मौजूदगी में राष्ट्रवादी और धार्मिक लोग यहूदी स्थल आए हैं. अल-अक्सा मस्जिद और कई अन्य बड़े स्थल पूर्वी यरूशलम में स्थित हैं, जिस पर इजरायल ने 1967 के युद्ध में कब्जा कर लिया था. (AP इनपुट के साथ)
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