डीएनए हिंदी: इंडोनेशिया (Indonesia) के स्टेडियम में शनिवार को फुटबॉल मैच (Football Match) के दौरान भड़की हिंसा और भगदड़ में अब तक 174 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 180 लोग घायल हैं. यह दुनिया के स्टेडियमों में अब तक हुए बड़े हादसों में से एक है. इससे बड़ा हादसा 58 साल पहले पेरू में हुआ था. यहां 320 लोगों की जान चली गई थी.
दरअसल, साल 1964 में लिमा में पेरू और अर्जेंटीना के बीच ओलंपिक का क्वालीफायर मैच खेला जा रहा था. अर्जेंटीना की टीम 1-0 से आगे चल रही थी. इसी बीच पेरू के एक गोल को रेफरी ने डिसअलाउड कर दिया. इस वजह से पेरू के फैंस भड़क गए और मैदान में उतर आए. इधर से अर्जेंटीना के फैंस भी गुस्से में आ गए. इसी बीच पुलिस को बीच बचाव करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े जिससे मैदान में भगदड़ मच गई. स्टेडियम के दरवाजे बंद होने की वजह से लोग बाहर नहीं निकल सके और करीब 320 लोगों की जान चली गई. इस घटना में 500 लोग घायल भी हुए थे.
हार की वजह से भड़क गई अरेमा मलंग टीम के समर्थक
न्यूज एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, इंडोनेशिया पुलिस अधिकारी निको अफिंटा ने बताया कि शनिवार की देर शाम पूर्वी जावा प्रांत के कांजुरुहान स्टेडियम में अरेमा मलंग क्लब और परसेबाया सुरबाया के बीच मुकाबला फुटबॉल मैच खेला जा रहा था, जिसमें अरेमा मलंग को 2-3 से हार का मुंह देखना पड़ा.टीम की हार के बाद गुस्साए फैंस मैदान में घुस आए जिससे अराजकता फैल गई. स्टेडियम में मची भगदड़ को रोकने के लिए पुलिसकर्मी आगे आए लेकिन वे भी इसे रोक नहीं पाए. दर्जनों लोगों की मौत स्टेडियम में ही हो गई. बाकी के लोगों को अस्पताल ले जाया गया था, जहां उन्होंने दम तोड़ दिया.
ये भी पढ़ें- यूक्रेन का पलटवार देख बौखलाया रूस, परमाणु हमले और मार्शल लॉ की धमकी
मैच के दौरान स्टेडियम में 4,000 दर्शक
अफिंटा ने कहा कि शुरूआती जांच में पता चला है कि ज्यादातर मौतें भगदड़ के कारण हुईं, जबकि अन्य लोगों की मौत सांस लेने में तकलीफ के कारण हुई होगी. उन्होंने कहा, "स्टेडियम के अंदर लगभग 34 लोगों की मौत हो गई , जबकि अन्य ने अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया.' BBC की एक रिपोर्ट के मुताबिक, मैच के दौरान स्टेडियम में 4 हजार दर्शक मौजूद थे. हालांकि स्टेडियम की क्षमता 38,000 दर्शकों की है.
हार के बर्दाश्त नहीं कर सके समर्थक
पुलिस अधिकारी के अनुसार, हारने वाली टीम के समर्थकों ने हार को स्वीकार करने से इनकार कर दिया और फुटबॉल मैदान में जबरन घुस गए, जिसके चलते उनकी पुलिस के साथ झड़प भी हुई और फिर भगदड़ मच गई. दोनों फुटबॉल टीमों के समर्थकों ने स्टेडियम के अंदर आपस में भिड़ गए और मारपीट-दंगा करने लगे. भीड़ को कंट्रोल करने के लिए पुलिस ने आंसूगैस के गोले दागे,जिससे भीड़ में दहशत फैल गई. लोगों ने स्टेडियम छोड़ने के लिए हाथापाई की जिससे बाहर निकलने पर भगदड़ मच गई.
ये भी पढ़ें- Iran: बिना हिजाब के रेस्त्रां में बैठी थी महिला, तस्वीर वायरल होते ही पुलिस ने किया गिरफ्तार
यहां भी भड़क गए थे फैंस
- पेरू के बाद 1985 में लिवरपूल और जुवेंटस के बीच यूरोपियन कप के फाइनल के दौरान 39 लोग मारे गए थे और 600 घायल हुए थे.
- ब्रिटेन में हिल्सबोरो स्टेडियम में एफए कप सेमीफाइनल में लिवरपूल के 97 प्रशंसक मारे गए थे.
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर.
- Log in to post comments
फुटबॉल के मैदान पर पहली बार नहीं हुआ ये 'खूनी' खेल, पेरू में 320 लोगों की गई थी जान