डीएनए हिंदी: यूक्रेन पर रूस के हमले के बीच अमेरिका ने रूसी सेनाओं की सीमा पर तैनाती को एक खतरा बताया है. यूक्रेन की सीमाओं के पास एक लाख सैनिकों के जमावड़े के बीच यूक्रेन संकट पर चर्चा करने के लिए संयुक्त राष्ट्र की 15 सदस्यीय परिषद की एक बैठक हुई. परिषद को नौ मतों की आवश्यकता थी. भारत ने इसमें मतदान नहीं किया है.
भारत की प्राथमिकता स्थायी समाधान
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने परिषद में कहा कि भारत रूस और अमेरिका के बीच चल रही उच्च-स्तरीय सुरक्षा वार्ता पर नजर बनाए है. भारत पेरिस में नॉरमैंडी प्रारूप के तहत यूक्रेन से संबंधित घटनाक्रम पर बारीकी से नजर रख रहा है. तिरुमूर्ति ने कहा, ‘भारत का हित एक ऐसा समाधान खोजने में है जो सभी देशों के वैध सुरक्षा हितों को ध्यान में रखते हुए तनाव को तत्काल कम कर सके. इसका उद्देश्य क्षेत्र तथा उसके बाहर दीर्घकालिक शांति और स्थिरता हासिल करना हो.'
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रूस और अमेरिका दोनों से जुड़े हैं भारत के हित
कूटनीतिक दृष्टिकोण से देखें तो भारत के वैश्विक हित रूस और अमेरिका दोनों से ही जुड़े हैं. रूस के साथ भारत के मजबूत रक्षा संबंध हैं. अमेरिका के साथ भी कई क्षेत्रों में भारत की प्राथमिकताएं जुड़ी हैं. इन परिस्थितियों में भारत के लिए पक्षकार बननेकी जगह पर तटस्थ रहना ही सही विकल्प है. शांत और रचनात्मक कूटनीति समय की मांग है.
10 देशों ने किया पक्ष में मतदान
नॉर्वे, फ्रांस, अमेरिका, ब्रिटेन, आयरलैंड, ब्राजील और मेक्सिको सहित परिषद के अन्य सभी 10 सदस्यों ने बैठक के चलने के पक्ष में मतदान किया. बैठक को आगे बढ़ाने के लिए परिषद को 9 वोटों की जरूरत थी. परिषद के 10 सदस्यों के बैठक के पक्ष में मतदान करने के साथ यूक्रेन की सीमा पर स्थिति पर बैठक आगे बढ़ी. चीन और रूस ने विरोध में मतदान किया है.
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