डीएनए हिंदी: पूत के पांव पालने में दिखते हैं. हैदराबाद में रहने वाली 13 वर्षीय मुरीकी पुलकिता हसवी ने इस कहावत को सच कर दिखाया है. उन्होंने पर्वतारोहण के क्षेत्र में कमाल किया है. उन्होंने सबसे ऊंचे अफ्रीकी पर्वत किलिमंजारों को फतह किया है. पुलकिता का यह सफर संघर्षों से भरा रहा है. अब उनकी योजना है कि किलिमंजारो पर्वत की सातों चोटियों को वे फतह करें.
किलिमंजारो पर्वत की चोटियों को जीतने के बाद पुलिकिता ने अपने रोमांचक सफर को याद किया है. पुलकिता का कहना है कि यह बेहद रोमांचक और साहसिक अनुभर था. माउंट किलिमंजारो ऐसा पहाड़ है जिस पर चढ़ाई करते वक्त आपको हर मौसम का अनुभव हो सकता है. चढ़ाई के दौरान पुलकिता भी इन्हीं अनुभवों से गुजरीं.
पुलकिता किलिमंजारों पर्वत पर पहुंचने के लिए लगातार 3 महीने तक कड़ी ट्रेनिंग से गुजरती रहीं. ट्रेनिंग के बाद जब उनके सफर की शुरुआत हुई तो उन्हें लगा कि सिर्फ एक चोटी नहीं, किलिमंजारों पर्वत की सातों शिखरों को फतह करना है.
सातों शिखरों को जीतना चाहती हैं पुलकिता
अपने सफर को याद करते हुए पुलकिता कहती हैं कि उन्हें सातों शिखरों पर जीत हासिल करनी है. पर्वतारोहण के लिए सबसे पहले मानसिक तौर पर एक पर्वतारोही को मजबूत होना चाहिए. अपने रोमांचक सफर से मिली सीख पर बातचीत करते हुए पुलकिता कहती हैं कि 2024 से पहले ही वे सभी सातों शिखरों पर फतह करना चाहती हैं. वे लगातार योग और ध्यान की प्रैक्टिस करती हैं.
युवा को संदेश देते हुए पुलकिता कहती हैं कि जीवन में सभी युवा पर्वतारोही न बनें. अपने जीवन में आने वाले मुश्किल पहाडों को वे जीतें, कामयाब बनें.
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