डीएनए हिंदी : भूख और कुपोषण से पीड़ित सोमालिया से कुछ भयानक दर्दनाक ख़बरें आ रही हैं. रायटर्स न्यूज़ एजेंसी के मुताबिक़ देश में भूख की समस्या इतनी वृहत हो गई है कि अब नवजात शिशुओं की मौत होने लगी है.
लगातार चार मौसमों में अल्पवृष्टि यानी कम बारिश होने की वजह से सोमालिया में पिछले 40 सालों का सबसे खराब सूखा और अकाल देखा जा रहा है. मक्के और बीन्स के खेतों में पालतू बकरियों और गदहों की लाशें बिखरी हुई हैं. इस वक़्त 60 लाख से अधिक सोमाली जनता मदद की आस में है.
भूख की वजह से बच्चे जल्दी तोड़ते हैं दम
सोमाली के डोल्लोव शहर में सूखा पीड़ितों के लिए लगाए गए एक कैम्प में पैदा हुई हलीमा की पोतियां एब्ला और अब्दिया केवल एक दिन ज़िंदा रह सकी. भूख से पीड़ित उनकी मां के पास बच्चियों की भूख ख़त्म करने के लिए नहीं दूध नहीं उतारा.
25 साल की आशा अली ओस्मान के तीन और चार साल की उम्र के दो बच्चों की मौत महीना भर है. गोद में तीसरी संतान को लिए हुए आशा कहती हैं, "मैं उसे दूध भी नहीं पीला सकती. हमें भूख लगती है तो कभी हम पड़ोस से मीठा पानी मांग लेते हैं, कभी बस साथ रोते हैं."
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यूक्रेन पर दुनिया भर के फोकस ने की सोमालिया की हालत और ख़राब
यूक्रेन-रूस के युद्ध के बाद दुनिया का फोकस यूक्रेन पर है. इन हालात में संयुक्त राष्ट्र सहित सहित तमाम मददगार संस्थाएं देशों का ध्यान सोमालिया की ओर खींचने की कोशिश कर रही हैं जहां एक आपदा अपना रूप धारण करने में लगी हुई है. आशंका है कि सोमालिया का यह अकाल 2011 के उस दुर्भाग्यपूर्ण दुर्भिक्ष के जैसा होने जा रहा है जब इस देश ने विश्व भर के देशों का ध्यान अपनी ओर खींचा था. उस वक़्त करीब दस लाख लोगों की मौत हुई थी और उनमें अधिकतर 5 साल से कम उम्र के बच्चे थे.
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2011 में सोमालिया में भूख से लाखों बच्चों की मौत के बाद फिर वैसा ही संकट गहराने की आशंक