डीएनए हिंदी: Pakistan News- पाकिस्तान का इतिहास रहा है कि वहां प्रधानमंत्री पद पर बैठने वाला शख्स जितना ताकतवर होता है, इस पद से हटने के बाद उसके लिए राह उतनी ही ज्यादा कंटीली हो जाती है. पाकिस्तान में पूर्व प्रधानमंत्रियों के जेल जाने, फांसी पर चढ़ने या फिर देश से भगा दिए जाने के किस्से एक-दो नहीं बल्कि दर्जन भर के करीब हैं. क्या अब इस लिस्ट में पूर्व प्रधानमंत्री और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) पार्टी के मुखिया इमरान खान (Imran Khan) का भी नाम जुड़ने जा रहा है? इमरान खान के खिलाफ बृहस्पतिवार को एकतरफ लाहौर में एक नया केस दर्ज किया गया है, जिसमें उनके खिलाफ हत्या और उग्रवाद से जुड़ी हुई धाराओं में आरोप लगाए गए हैं. ये इमरान खान के प्रधानमंत्री पद से हटने के बाद पिछले 11 महीने के दौरान उनके खिलाफ 80वीं FIR है. वहीं, क्वेटा शहर की एक अदालत ने रविवार को दिए उनके भाषण के कारण गिरफ्तारी के लिए गैर-जमानती वारंट जारी कर दिया है.
क्या है लाहौर में दर्ज FIR में आरोप
दरअसल लाहौर पुलिस ने इमरान और उनकी पार्टी के 400 कार्यकर्ताओं पर हत्या व उग्रवाद के आरोपों में मुकदमा दर्ज किया है. यह मुकदमा बुधवार को लाहौर में इमरान खान के घर के बाहर आयोजित पीटीआई की रैली को लेकर दर्ज किया गया है, जिसका आयोजन न्यायपालिका का समर्थन करने के लिए हुआ था. रैली के दौरान पुलिस और पीटीआई कार्यकर्ता आपस में भिड़ गए थे, जिसमें पीटीआई कार्यकर्ता अली बिलाल की मौत हो गई थी. दर्जनों अन्य लोग घायल हो गए थे. पुलिस ने बुधवार को ही पीटीआई के 100 से ज्यादा कार्यकर्ता गिरफ्तार कर लिए थे. पुलिस ने FIR में 11 पुलिस अधिकारी और 6 पीटीआई कार्यकर्ता घायल होने की बात कही है. पुलिस का आरोप है कि धारा 144 लागू होने के बावजूद इमरान ने अपने कार्यकर्ताओं की भीड़ इकट्ठा की. भीड़ ने पुलिस पर पथराव किया. एफ़आईआर में पूर्व मंत्री फवाद चौधरी, फारुख़ हबीब, हम्माद अज़हर और महमूदूर रशीद का नाम भी शामिल है. पुलिस ने अली बिलाल की हत्या के लिए इमरान को ही जिम्मेदार ठहराया है.
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क्वेटा की कोर्ट में क्या हुआ
इमरान खान ने रविवार को लाहौर के जमान पार्क स्थित अपने घर पर कार्यकर्ताओं की भीड़ को संबोधित किया था. यह भीड़ इमरान की तोशाखाना मामले में गिरफ्तारी की संभावना के बाद जुटी थी. इमरान ने इस दौरान अपने भाषण में सरकारी संस्थानों और अधिकारियों पर तीखे कमेंट किए थे. इसके बाद उन्होंने 'जेल भरो तहरीक' आंदोलन में भाग लिया था. इसके खिलाफ अब्दुल खलील काकर नाम के आदमी ने क्वेटा के बिजली रोड थाने में इमरान के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था. काकर ने इमरान के बयान को शांति-व्यवस्था भंग करने और दंगे भड़काने की कोशिश वाला बताया था. इस मुकदमे पर बृहस्पतिवार को क्वेटा की एक अदालत ने सुनवाई की और पुलिस को इमरान खान की गिरफ्तारी के लिए गैर-जमानती वारंट जारी किया है. पुलिस को इमरान खान को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश करने के लिए कहा गया है.
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लगातार मुकदमों के बाद विदेश भागेंगे इमरान!
इमरान खान के खिलाफ जिस तेजी से मुकदमे दर्ज किए जा रहे हैं और तोशखाना घपले में उनके ऊपर गिरफ्तारी की तलवार लटकी है, उसे देखते हुए उनके जल्द ही विदेश भागने की अफवाह उड़ रही है. हालांकि इमरान ने ऐसी किसी संभावना को फिलहाल नकार दिया है. जियो न्यूज के मुताबिक, इमरान ने कहा है कि सरकार ने मेरा नाम एक्जिट कंट्रोल लिस्ट में रखा है, लेकिन मेरा विदेश भागने का कोई इरादा नहीं है, इसलिए यह बेकार है. उन्होंने खुद को फर्जी मामलों में घसीटे जाने का आरोप लगाया और इसका पूरा ठीकरा पूर्व पाकिस्तानी सेना प्रमुख कमर जावेद बाजवा के सिर फोड़ा है. इमरान का आरोप है कि बाजवा ने साजिशन पाकिस्तान पर अपराधियों के एक ग्रुप का शासन करा दिया है.
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Imran Khan पर 11 महीने में 80वां केस दर्ज, हत्या से उग्रवाद तक के आरोप, क्या विदेश भगाना चाहती है पाकिस्तान सरकार