डीएनए हिन्दी: मंगलवार को जापान के टोक्यो में क्वॉड (Quad) का शिखर सम्मेलन हुआ. बैठक में क्वॉड में शामिल सभी देशों ने इंडो-पैसिफिक क्षेत्र को फ्री एंड ओपन करने पर सहमति जताई. सभी शीर्ष नेताओं ने उम्मीद जताई कि यह क्षेत्र और समृद्ध होगा और सभी सदस्य देशों के लिए बेहतर अवसर प्रदान करेगा.
सम्मेलन में शामिल भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi), अमेरिकी प्रेजिडेंट जो बाइडेन (Joe Biden), जापानी पीएम फुमियो किशिदा और ऑस्ट्रेलियाई पीएम एंथनी अल्बनीज ने इस क्षेत्र में तेजी मुखर हो रहे चीन पर भी गंभीरता से विचार किया. बैठक में क्लाइमेट चेंज और रूस-यूक्रेन युद्ध के मुद्दे पर नेताओं ने चर्चा की.
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गौरतलब है कि यह सम्मेलन ऐसे समय में हो रहा है, जब चीन और क्वॉड के सदस्य देशों के बीच पिछले कुछ दिनों से तनावपूर्ण बने हुए हैं.
PM Narendra Modi, US President Joe Biden, Australian PM Anthony Albanese and Japanese PM Fumio Kishida held Quad Leaders' Summit in Tokyo today. Later, they opened applications for Quad Fellowship.
— ANI (@ANI) May 24, 2022
(Pics 1-2: Australian PM's Twitter account, pic 3: PMO's Twitter account) pic.twitter.com/TiT9pYr3m4
'हिन्द-प्रशांत क्षेत्र में शांति और समृद्धि हमारा मकसद'
क्वॉड सम्मेलन में शामिल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि Quad देशों के बीच आपसी विश्वास और दृढ़ संकल्प न सिर्फ लोकतंत्र में विश्वास रखने वाले देशों को नई ऊर्जा दे रहा है, बल्कि एक स्वतंत्र, खुले और सबको साथ लेकर चलने वाले वाले हिन्द-प्रशांत क्षेत्र की स्थापना को भी प्रोत्साहित कर रहा है. मोदी ने कहा कि क्वॉड एक ऐसे अजेंडे पर काम कर रहा है जिसका मकसद सबका भलाई करना है. अपने कामों से दुनिया में क्वॉड की मजबूत छवि बनेगी.
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प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि क्वॉड ने बेहद कम समय में ग्लोबल स्तर एक महत्वपूर्ण स्थान हासिल किया है.
शिखर सम्मेलन में अमेरिकी प्रजेडिंट जो बाइडेन ने कहा हम सबका उद्देश्य एक समावेशी विकास का माहौल बनाना है. उन्होंने कहा कि मैं इस क्षेत्र में समृद्धि हासिल करने के लिए आर्थिक सहयोग को बढ़ावा देने को काम करने को इच्छुक हूं. उन्होंने कहा कि मैं कई सालों तक इसको फलते-फूलते देखना चाहता हू्ं.
'रूस एक संस्कृति को नष्ट कर रहा'
क्वॉड बैठक में अमेरिकी प्रेजिडेंट जो बाइडेन ने रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर भी चिंता जाहिर की. ध्यान रहे कि रूस ने अपने पड़ोसी यूक्रेन से कुछ मुद्दों पर विवाद के बाद युद्ध छेड़ दिया था. इस युद्ध को 4 महीने होने जा रहे हैं.
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बैठक में बाइडेन ने सख्त लहजे में कहा कि रूसी प्रेजिडेंट व्लादमीर पुतिन सिर्फ युद्ध नहीं कर रहे हैं, ब्लकि एक संस्कृति को नष्ट कर रहे हैं. बाइडेन ने यूक्रेन के खिलाफ रूस के युद्ध को यूरोप के मामले से कहीं अधिक करार दिया. उन्होंने कहा कि यह एक ग्लोबल मामला है.
इस युद्ध की वजह से दुनिया में होने वाले खद्यान संकट को लेकर भी प्रेजिडेंट बाइडेन ने अपनी चिंताएं जाहिर कीं. रूस-यूक्रेन के मामले पर बाइडेन ने कहा कि अमेरिका क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता को लेकर प्रतिबद्ध है.
इस मुद्दे पर जापानी प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा ने यूक्रेन पर रूस के हमले को संयुक्त राष्ट्र चार्टर का उल्लंघन बताया.
'लंबे समय तक रहेगी हमारी दोस्ती'
अमेरिकी प्रेजिडेंट जो बाइडेन ने कहा कि यह कोई अस्थाई गठबंधन नहीं है, यह स्थाई और लंबे समय तक रहने वाला है. उन्होंने कहा कि इसका मकसद कई महत्वपूर्ण काम करना है. हम यहां इस रीजन के लिए काम करने आए हैं. हम सब मिलकर काम करेंगे. हमारी साझेदारी बेहद महत्वपूर्ण होगी. मैं आने वाले कई सालों तक इसे फलते-फुलते देखना चाहता हूं.
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ध्यान रहे कि क्वॉड देशों और चीन के बीच तनावपूर्ण माहौल है. सीमा को लेकर भारत के साथ चीन का विवाद जगजाहिर है. चीन पूरे इंडो-पैसिफिक रीजन में लोकतांत्रिक मूल्यों के लिए लगातार चुनौती बनता जा रहा है. आक्रामक चीनी नीतियां (व्यापारिक या सामरिक) पूरी दुनिया के लिए चुनौती बनी हुई हैं। क्वॉड की बैठक में तो नहीं, लेकिन बैठक से ठीक एक दिन पहले अमेरिका ने चीन को सीधे तौर पर बड़ी चेतावनी दी थी. सोमवार को अमेरिकी प्रेजिडेंट जो बाइडेन ने कहा था कि अगर चीन जबरन ताइवान पर कब्जे की कोशिश करता है तो उसको करारा जवाब दिया जाएगा. उन्होंने साफ कहा कि अमेरिका ताइवान की स्वतंत्रता की रक्षा करेगा.
क्या है QUAD?
जैसा कि नाम QUAD से ही पता चलता है कि यह 4 देशों का संगठन है. इसमें भारत के अलावा अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान शामिल हैं. इसका पूरा नाम क्वाडिलैटरल सिक्योरिटी डायलॉग है.
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क्या है QUAD का मकसद?
चार देशों का यह रणनीतिक गठबंधन साल 2007 में तैयार हुआ. इसका मुख्य उद्देश्य हिंद महासागर से लेकर प्रशांत महासागर के बीच पड़ने वाले इलाके में चीन के बढ़ते दबदबे को नियंत्रित करना और बाकी देशों को भी चीन के प्रभुत्व से बचाना है. यही कारण है कि दुनिया के चार कोनों पर स्थित चार देश इसका हिस्सा हैं.
पिछले कुछ सालों से चीन इस इलाके पर लगातार आक्रमक रुख दिखा रहा है. वह पूरे एशिया और खासकर समुद्री इलाके में अपना दबदबा कायम करना चाहता है. हाल के दिनों में चीन ने साउथ चाइना सी के कई विवादित क्षेत्रों पर अपना दावा ठोक दिया है. कई पर कब्जा भी कर लिया है. वास्तव मे इसी वजह से यानी चीन के आक्रामक रुख को रोकने के लिए जापान, अमेरिका, भारत और ऑस्ट्रेलिया एक साथ इस मंच पर आए हैं.
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जानिए क्या हैं QUAD सम्मेलन के प्रमुख मुद्दे और इससे क्यों परेशान है चीन