डीएनए हिंदीः कोरोना महामारी के बाद दुनिया भर में वर्क फ्रॉम होम एक क्रांतिकारी कदम के रूप में सामने आया है. पहले जहां जरूरत होने पर भी वर्क फ्रॉम होम की सुविधा देने में दफ्तर आना-कानी किया करते थे, वहीं अब ये एक ट्रेंड सा बनता जा रहा है। दुनिया के कई देशों की तरह पुर्तगाल में भी वर्क फ्रॉम होम का चलन शुरू हुआ. पुर्तगाल के लोगों ने इसे काफी गंभीरता से लिया और सरकारी और निजी दफ्तरों को मिलाकर अब भी यहां अधिकतर जगहों पर वर्क फ्रॉम होम ही चल रहा है. कार्यालयों में साफ-सफाई के लिए महीने में एक-दो बार सफाई कर्मचारी जरूर चक्कर लगा लेते हैं.
इसलिए लिया गया ये फैसला
दुनिया भर के लोग ये मानते हैं कि वर्क फ्रॉम होम का जहां काफी फायदा है वहीं एक नुकसान ये भी है कि काम के घंटे तय नहीं रहते. दिन भर काम चलता रहता है. कई लोग इस बात से परेशान भी नजर आते हैं. इस बात पर पुर्तगाल सरकार ने कड़ा कदम उठाया है. ऐसा कदम जिसकी हर जगह तारीफ हो रही है. पुर्तगाल में ऐसे कई मामले सामने आए जिनमें ड्यूटी खत्म होने के बाद भी कर्मचारियों को उनके बॉस वक्त-बे-वक्त ‘फोनकॉल’ कर देते हैं. इस बारे में पुर्तगाल सरकार ने कड़ा कदम उठाने का सोचा और सख्त फैसला लिया.
सजा का भी है प्रावधान
पुर्तगाली सरकार ने कर्मचारियों के निजी और पेशेवर (पर्सनल और प्रोफेशनल) जीवन के बीच सामंजस्य बनाए रखने के लिए एक नया कानून बनाया. इस नए कानून के तहत पुर्तगाल में अब ऑफिस का कोई भी सीनियर या बॉस अपने कर्मचारी को उसकी वर्क फ्रॉम होम की समय सीमा खत्म होने के बाद फोनकॉल नहीं कर सकेगा. अगर कोई सीनियर या बॉस ऐसा करता हुआ पुर्तगाल में पाया गया तो इस नए कानून के तहत वह सजा का हकदार होगा.
बेहतर आउटपुट के लिए है जरूरी
पुर्तगाल की श्रम और सामाजिक सुरक्षा मंत्री एना मेंडिस गोदिन्हो ने एक कॉन्फ्रेंस के दौरान जब ये जानकारी दी तो इसके साथ अपनी राय भी रखी. उन्होंने कहा, 'देश की सरकार को यह कदम कर्मचारियों के स्वास्थ्य और मानसिक विकास को ध्यान में रखकर उठाना पड़ा है ताकि कर्मचारियों की निजी जिंदगी दबाव में न आए. वे खुद को स्वस्थ रखकर अपने संस्थानों को बेहतर आउटपुट दे सकें.'
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