डीएनए हिंदी: चीन (China) भारत के खिलाफ हर दिन नई साजिश रचता नजर आता है. अपनी सेना के लिए चीन तिब्बती बच्चों का इस्तेमाल कर रहा है. लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) के आसपास के इलाकों में चीन मंदारिन भाषा की ट्रेनिंग के साथ-साथ दूसरी भाषाओं को भी ट्रेनिंग दे रहा है.
चीनी सेना ने नागरी प्रांत के 6 से 9 साल के बच्चों शिकान्हे मिलिट्री कैंप में मंदारिन, बोधि और हिंदी भाषा की ट्रेनिंग देगा. 10 से 18 साल तक के बच्चों प्रशिक्षित किया जाएगा. नवभारत टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक चीन भारत की स्पेशल फ्रंटियर फोर्स के जवाब में यह कदम उठा रहा है.
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ईस्टर्न लद्दाख में जब लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल पर भारत और चीन के बीच विवाद तेज हुआ था तब पैंगोंग त्सो झील के दक्षिणी हिस्से में सेना ने चीनी सैनिकों को मुंहतोड़ जवाब दिया था. चीन की सेना को स्पेशल फ्रंटियर फोर्स ने पटखनी दी थी. इस सेना में तिब्बती सैनिकों को शामिल किया गया है.
तिब्बती सैनिकों को भर्ती करेगा चीन
चीन की रणनीति है कि बड़ी संख्या में तिब्बती जवान चीन की सेना में भर्ती हों. पहले चरण में 11वीं और 12वीं क्लास के बच्चों को ट्रेनिंग दी जाएगी. 12वीं पास करने वाले छात्रों को पीएलए में 5 साल तक सेवाएं देनी होंगी.
माना जा रहा है कि स्पेशल फ्रंटियर फोर्स की ही तर्ज पर चीन भी यही करने वाला है. चीन ट्रेनिंग दे रहे बच्चों को बड़े होने पर अपनी सेना में भर्ती करेगा. तिब्बती युवाओं को भी भर्ती करेगा. ऐसे में भारत पर मनोवैज्ञानिक बढ़ सकता है. पीपुल्स लिबरेश आर्मी (PLA) अब भारत के खिलाफ इसी रणनीति पर आगे बढ़ रही है.
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तिब्बती बच्चों को अपनी सेना में क्यों शामिल कर रहा है China, क्या है PLA की नई रणनीति?