डीएनए हिंदी: चीन (China) ने तिब्बत (Tibet) की राजधानी ल्हासा (Lhasa) और आसपास के इलाकों में तिब्बती नए साल लोसर (Losar) पर कई धार्मिक गतिविधियों पर रोक लगा दी है. फरवरी में ही ल्हासा के धार्मिक और सामुदायिक मामलों के ब्यूरो ने कोविड-19 (Covid-19) प्रोटोकॉल का हवाला देकर इसे रोक दिया था.
अब तिब्बती लोग अपने नए साल लोसर पर किसी भी तरह के धार्मिक उत्सव में हिस्सा नहीं ले सकेंगे. चीन में अल्पसंख्यकों को इसकी वजह से मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. उन्हें धार्मिक गतिविधियों में हिस्सा नहीं लेने दिया जा रहा है.
हांगकांग पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक चीन की कम्युनिस्ट पार्टी तिब्बती राष्ट्रीयता से चिढ़ती है. चीन पहले भी तिब्बत में मानवाधिकारों के दमन के लिए बदनाम रहा है. चीन अपने वन चाइना पॉलिसी को लेकर कट्टर है और ऐसे कदम चीन की इसी रणनीति का हिस्सा हैं.
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किस तरह की लागू रहेंगी पाबंदियां?
तिब्बती इलाके में चीनी अधिकारियों ने लोगों की यात्रा पर भी रोक लगा दी है. तिब्बती समुदाय किसी भी तरह के समारोहों का आयोजन नहीं कर सकेगा. चीन ने कोविड प्रोटोकॉल तोड़ने वाले लोगों के लिए कड़े कानून भी बनाए हैं. नागरिकों को चेतावनी दी गई है कि अगर प्रोटोकॉल का उल्लंघन हुआ तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
कब से कब तक मनाया जाएगा लोसर?
लोसर महोत्सव 3 मार्च से 5 मार्च तक मानाया जाएगा. इस दौरान तिब्बत के आसपास के इलाकों में कड़े प्रतिबंध लागू रहेंगे.
तिब्बती पहचान को खत्म कर रहा चीन
चीन ने सरकारी कर्मचारियों को इस दिन दफ्तर आने के लिए बाध्य कर दिया गया है. वजह सिर्फ यही है कि तिब्बती लोग लोसर महोत्सव न मना सकें. चीन लगातार तिब्बती पहचान को खत्म करने की कोशिश में जुटा है. इस कदम को भी चीन की उसी रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है.
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China ने तिब्बती नए साल Losar पर क्यों लगाई पाबंदी? समझें वजह