डीएनए हिंदी: अमेरिका अंतरिक्ष एजेंसी नासा (US Space Agency-NASA) ने 50 साल बाद चंद्रमा पर अपना मिशन मून आर्टेमिस-1 (Artemis-1) बुधवार को सफलतापूर्वक लॉन्च कर दिया है. नासा के लिए मंगल मिशन के बाद यह सबसे बड़ा और जरूरी मिशन है. NASA अपने अपोलो कार्यक्रम की समाप्ति के बाद पहली बार अंतरिक्ष यात्रियों को चंद्रमा की सतह पर भेजने की दिशा में आगे बढ़ा है.
नासा के नये चंद्र रॉकेट आर्टेमिस-1 ने बुधवार दोपहर 3 बजे परीक्षण डमी के साथ अपनी पहली उड़ान भरी. यह स्पेसशिप 42 दिनों में चंद्रमा की यात्रा करके वापस आएगा. अगर तीन-सप्ताह की परीक्षण उड़ान सफल हुई तो रॉकेट चालक दल के एक खाली कैप्सूल को चंद्रमा के चारों ओर एक चौड़ी कक्षा में ले जाएगा और फिर कैप्सूल दिसंबर में प्रशांत क्षेत्र में पृथ्वी पर वापस आ जाएगा.
ये भी पढ़ें- कौन है बद्री? जिसके कहने पर श्रद्धा-आफताब आए थे दिल्ली, फिर बनाया 'परफेक्ट मर्डर' प्लान
Apollo Program का अगला चरण
आर्टेमिस-1 ने कई साल की देरी और अरबों से ज्यादा की लागत लगने के बाद अंतरिक्ष प्रक्षेपण प्रणाली रॉकेट ने कैनेडी स्पेस सेंटर से उड़ान भरी. ओरियन कैप्सूल को रॉकेट के शीर्ष पर रखा गया था, जो उड़ान के 2 घंटे से भी कम समय में पृथ्वी की कक्षा से निकलकर चंद्रमा की ओर जाने के लिए तैयार था. यह मिशन अमेरिका के प्रोजेक्ट अपोलो (Apollo Program ) का अगला चरण है.
LIVE NOW: The #Artemis era of exploration begins today with @NASAArtemis I, the first integrated test flight of the rocket and spacecraft that will bring humanity to the Moon. Watch @NASA_SLS and @NASA_Orion embark on their first voyage. https://t.co/Ngak08VFb0
— NASA (@NASA) November 16, 2022
Artemis नाम क्यों रखा गया?
प्रोजेक्ट अपोलो में 1969 से 1972 के बीच 12 अंतरिक्ष यात्रियों ने चंद्रमा पर चहलकदमी की थी. इस लॉन्च से NASA के आर्टेमिस चंद्र अन्वेषण अभियान की शुरुआत मानी जा रही है. यह नाम पौराणिक मान्यता के अनुसार अपोलो की जुड़वां बहन के नाम पर रखा गया है. नासा का उद्देश्य 2024 में अगली उड़ान में चंद्रमा के आसपास अपने 4 अंतरिक्ष यात्रियों को भेजने का और फिर 2025 में आम लोगों को वहां उतारने का है.
ये भी पढ़ें - G20 Summit: बाली में पीएम मोदी की डिनर पॉलिटिक्स, जिनपिंग से हाथ मिलाया, बात नहीं की
एलन मस्क के स्पेसएक्स को किराए पर लिया
नासा की चंद्रमा पर एक बेस बनाने तथा 2030 और 2040 के दशक के अंत तक मंगल पर अंतरिक्ष यात्रियों को भेजने की भी है. नासा ने अपोलो के चंद्र लैंडर की तरह 21वीं सदी में स्टारशिप विकसित करने के लिए एलन मस्क के स्पेसएक्स (Space Exploration Technologies Corp.) को किराए पर लिया है.
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर.
- Log in to post comments
मिशन मून पर निकला आर्टेमिस-1, NASA ने केनेडी स्पेस सेंटर से किया लॉन्च