डीएनए हिंदीः पाकिस्तान (Pakistan) में हाल ही में सत्ता परिवर्तन हुआ है. इमरान खान (Imran Khan) के बाद सत्ता में आए नवाज शरीफ के भाई शहबाज शरीफ (Shehbaz Sharif) ने सत्ता संभालते ही दो काम किए हैं. उन्होंने कश्मीर राग अलापना शुरू कर दिया है. अमेरिका की एक न्यूज वेबसाइट (America News Website) के अनुसार, पाकिस्तान में लगभग 40 हजार मदरसों में आतंकी (Terrorist) तैयार किए जाते हैं.
हाल ही में शहबाज शरीफ ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर शांतिपूर्ण संबंधों की अपील की है. हालांकि पाकिस्तान के हुक्मरानों के लिए ये नई बात नहीं है. सत्ता पर काबिज होने के बाद हर नेता रस्म अदायगी के तौर पर कश्मीर राग अलापता है और भारत से अच्छे संबंधों की बात करता है.
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इसके अलावा एक काम और है जो पाकिस्तान के हुक्मरान करते आए हैं और वो है सेना के आगे नत-मस्तक रहने का. पाकिस्तान कश्मीर को लेकर सिर्फ बात करता है लेकिन कश्मीर में आतंक को बढ़ावा देने से भी बाज नहीं आता है. पाकिस्तान आतंकियों को खत्म करने के लिए कोई कदम नहीं उठाता है और पाकिस्तान के मौजूदा प्रधानमंत्री भी इससे परे नहीं हैं.
पाकिस्तान के 40 हजार मदरसों में हर साल पैदा किए जाते हैं आतंकी
अमेरिका की न्यूज वेबसाइट Baltimorepostexaminer.com की एक रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान में करीब 40 हजार मदरसे ऐसे हैं जिनमें आतंकी तैयार किए जाते हैं. उनकी ट्रेनिंग होती है. हर साल आतंकियों की खेप तैयार होती है. इससे कश्मीर को लेकर पाकिस्तान की सेना की जो रणनीति है उसमें काफी मदद मिलती है.
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कश्मीर पर विवाद बने रहने से पाक सेना को बजट में मिलता है बड़ा हिस्सा
कश्मीर के मुद्दे को लेकर गतिरोध बने रहने से पाकिस्तानी सेना को फायदा ही होता है. सेना के बड़े-बड़े अधिकारियों को पाकिस्तान के बजट का एक बहुत बड़ा हिस्सा सेना के नाम करने का मौका मिल जाता है. पाकिस्तान की सरकार ने साल 2021-2022 के लिए नेशनल बजट में 1.37 ट्रिलियन पाकिस्तानी रुपये डिफेंस सर्विस के लिए रखे थे जो कि पिछले वित्त वर्ष से 6.2% ज्यादा थे.
अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को पाकिस्तान पर बनाना चाहिए दबाव
ऐसे में भारत को सख्ती और सावधानी के साथ पाकिस्तान से निपटना होगा. इसके अलावा अमेरिका सहित अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को भी पाकिस्तान पर दबाव बनाना होगा कि वो आतंकियों की पनाहगाह बनने के बजाए उनके खिलाफ कार्रवाई करे.
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