डीएनए हिंदी: विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि पहली एडवाइजरी जारी होने के बाद से युद्धग्रस्त यूक्रेन की सीमा से 18 हजार भारतीय निकल गए हैं. बुधवार को जारी एडवाइजरी के बाद बड़ी संख्या में भारतीय छात्र खारकीव छोड़कर पास के पेसोचिन पहुंच गए हैं जिनकी संख्या करीब एक हजार है.
MEA की तरफ से बताया गया कि भारतीयों को वापस लाने के लिए अगले 24 घंटों के लिए 18 उड़ानें निर्धारित की गई हैं. मंत्रालय ने कहा कि यूक्रेन में फंसे भारतीयों को वापस लाने के अभियान की गति लगातार तेज की जा रही है.
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विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने मीडियाकर्मियों से कहा, "हम खारकीव, सूमी और पूर्वी यूक्रेन के अन्य शहरों में घटनाक्रम पर करीब से नजर रखे हुए हैं." उन्होंने कहा कि सरकार का अनुमान है कि एडवाइजरी के बावजूद सौ से अधिक भारतीय अभी तक खारकीव में हैं.
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प्रवक्ता ने कहा कि यूक्रेन में भारतीय दूतावास द्वारा बुधवार को जारी एडवाइजरी के बाद बड़ी संख्या में भारतीय छात्रों ने खारकीव छोड़ा और वे पास के पेसोचिन में हैं जिनकी अनुमानित संख्या 1,000 है. उन्होंने कहा, "खारकीव छोड़ने के बाद पेसोचिन पहुंचे भारतीयों को यूक्रेन के पश्चिमी भाग में ले जाने पर काम हो रहा है."
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बागची ने कहा कि भारतीयों को वापस लाने के वास्ते अगले 24 घंटों के लिए 18 उड़ानें निर्धारित की गई हैं. भारतीय अधिकारी यूक्रेन के खारकीव और सूमी से भारतीयों को निकालने के लिए यूक्रेन तथा रूस के अधिकारियों के संपर्क में हैं. उन्होंने कहा, "वहां युद्ध की स्थिति है और स्थितियां तेजी से बदल रही है. पूरा सरकारी तंत्र दिन-रात काम कर रहा है."
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भारत ने यूक्रेन में फंसे अपने नागरिकों को देश वापस लाने के लिए 'ऑपरेशन गंगा' अभियान शुरू किया है. इसके तहत भारतीयों को जमीनी सीमा चौकियों के जरिए यूक्रेन से निकालने के बाद हंगरी, रोमानिया, पोलैंड और स्लोवाकिया से हवाई मार्ग से स्वदेश लाया जा रहा है.
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