चीन ने विंटर ओलंपिक की शुरुआत ही भारत के खिलाफ अपने कुटिल इरादे दिखाते हुए की है. गलवान घाटी में हुए संघर्ष में शामिल सैन्य कमांडर ची फबाओ को मेगा स्पोर्टिंग इवेंट के मशाल वाहक के रूप में सम्मानित किया था. भारत ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए विंटर ओलंपिक के प्रसारण पर रोक लगा दी है. साथ ही, भारतीय दूत उद्घाटन या समापन समारोह में शामिल नहीं होंगे. भारत के इस कदम पर अमेरिका ने जहां सहमति जताई है तो रूस ने चीन का साथ दिया है. रूस और चीन की निकटता के मायने भारत के लिए क्या हैं, समझें.
Slide Photos
Image
Caption
चीनी सैनिक को टॉर्चबियरर बनाने की हरकत को अमेरिकी सांसदों ने शर्मनाक करार दिया है. अमेरिकी सीनेट की विदेश मामलों की समिति के सदस्य और रिपब्लिकन सीनेटर जिम रिस्च ने कहा कि भारत की संप्रभुता का समर्थन अमेरिका करता रहेगा. जिम ने ट्वीट किया, ‘यह शर्मनाक है कि बीजिंग ने ओलंपिक 2022 मशाल धारक उसे चुना है जिसने 2020 में भारत पर हमला किया था. जो उइगर मुस्लिमों का नरसंहार कर रहा है. अमेरिका उइगरों की स्वतंत्रता और भारत की संप्रभुता का समर्थन जारी रखेगा.’
Image
Caption
पिछले कुछ वर्षों में शी जिन पिंग और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन की घनिष्टता कई बार सामने आ चुकी है. रूस की दोस्ती चीन और तुर्की जैसे देशों के साथ बढ़ रही है. विंटर ओलंपिक में भी रूस ने भले ही भारत के खिलाफ कुछ न कहा हो लेकिन पुतिन उद्घाटन सत्र में खुद शामिल होने पहुंचे थे. रूस पश्चिमी देशों के राजनयिक बहिष्कार के बीच लगातार चीन के साथ खड़ा है.
Image
Caption
भारत और रूस के राजनयिक, व्यापारिक और सैन्य संबंध बहुत पुराने हैं. चीन और पाकिस्तान की दोस्ती और चालाकियां भारत के लिए सीमा पर पहले से ही मुश्किलें बढ़ाने वाली हैं. ऐसे में रूस का चीन की ओर झुकाव भारत को मुश्किल में डाल सकता है? यह सवाल इन दिनों कूटनीतिक जानकार कर रहे हैं और इसके जवाब भी तलाश रहे हैं. मौजूदा हालात में यूक्रेन के मुद्दे पर रूस हर ओर से घिरा है. भारत ने स्प्ष्ट तौर पर रूस का समर्थन नहीं किया है. उइगरों और मानवाधिकार के मुद्दे पर चीन की पूरे विश्व में आलोचना होती रही है. ऐसे हालात में भारत के लिए रूस और चीन की दोस्ती खास चिंता का कारण नहीं है.
Image
Caption
चीन भारत के खिलाफ कूटनीतिक साजिश रचता रहा है. विंटर ओलंपिक्स में भारत को कमजोर साबित करने के लिए चीन ने पीएलए कमांडर ची फबाओ (Chi Fabao) को विंटर ओलंपिक का टॉर्चबियरर बनाया था. फबाओ गलवान घाटी में 2020 में हुई झड़प में शामिल थे. चीन के इस कदम की आलोचना दुनिया के कई और देश भी कर रहे हैं.
Image
Caption
अमेरिका, ब्रिटेन और कनाडा उन देशों में से हैं जिन्होंने खेलों का राजनयिक बहिष्कार किया है. चीन में उइगरों पर होने वाले अत्याचार और मानवाधिकार हनन के मुद्दों को आधार बनाकर कई पश्चिमी देशों ने विंटर ओलंपिक का बहिष्कार किया है.