रूस (Russia) के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) ने यूक्रेन (Ukraine) के साथ करीब सात माह से जारी युद्ध के बीच अपने देश में जवानों की आंशिक तैनाती की घोषणा की और पश्चिम को चेतावनी देते हुए कहा कि रूस अपने क्षेत्र की रक्षा के लिए हर संभव कदम उठाएगा और यह कोरी बयानबाजी नहीं है. अधिकारियों ने कहा कि 300,000 रिजर्विस्ट की आंशिक तैनाती की योजना बनाई गई है. रिजर्विस्ट ऐसा व्यक्ति होता है जो मिलिट्री रिजर्व फोर्स ( का सदस्य होता है. यह आम नागरिक होता है लेकिन जरूरत पड़ने पर इसे कहीं भी तैनात किया जा सकता है. पुतिन का यह कदम पश्चिमी देशों की चिंता को और बढ़ा सकता है. यूक्रेन के अलगाववादी प्रांतों में अब जंग और तेज हो सकती है.
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रिजर्विस्ट शांतिकाल में अपनी सेवाएं नहीं देते हैं. रूसी राष्ट्रपति ने टेलीविजन के जरिए देश को संबोधित किया. उनके इस संबोधन के ठीक एक दिन पहले दक्षिणी और पूर्वी यूक्रेन के रूस के कब्जे वाले क्षेत्रों ने घोषणा की कि वे रूस का अभिन्न अंग बनने के लिये मतदान कराने की योजना बना रहे हैं. पुतिन का यह बयान न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा के सत्र के मध्य आया है जिसमें रूस को जनमत संग्रह योजना को लेकर चेतावनी दी गई है.
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रूस ने यूक्रेन पर 24 फरवरी को आक्रमण किया था और माना जा रहा था कि यह जनमत संग्रह युद्ध शुरू होने के साथ ही कराया जाएगा. यह मतदान रूस के कब्जे वाले लुहांस्क, खेरसन, जापोरिज्जिया और दोनेत्स्क में शुक्रवार से शुरू होगा. पुतिन ने पश्चिमी देशों पर परमाणु ब्लैकमेलिंग करने का आरोप लगाया, साथ ही रूस के खिलाफ जनसंहार के परमाणु हथियारों के इस्तेमाल की संभावना संबंधी नाटो देशों के शीर्ष प्रतिनिधियों के बयानों का भी जिक्र किया.
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व्लादिमीर पुतिन ने कहा कि जो रूस के संबंध में इस प्रकार के बयान देते हैं, मैं उन्हें यह याद दिलाना चाहता हूं कि हमारे देश में भी तबाही के अनेक साधन हैं जो नाटो देशों से अधिक आधुनिक हैं. जब हमारे देश की क्षेत्रीय अखंडता के लिए खतरा पैदा किया जाएगा तो रूस की और अपने लोगों की रक्षा के लिए हम हमारे पास मौजूद सभी साधनों का इस्तेमाल करेंगे. व्लादिमीर पुतिन यह कोई कोरी बयानबाजी नहीं है.
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व्लादिमीर पुतिन ने कहा कि उन्होंने आदेश पर हस्ताक्षर कर दिए हैं और यह प्रक्रिया बुधवार से प्रारंभ होगी. व्लादिमीर पुतिन ने कहा कि हम केवल आंशिक तैनाती की बात कर रहे हैं, ऐसे नागरिक जो रिजर्व में हैं उनकी अनिवार्य तैनाती की जाएगी. उनमें भी सबसे पहले जो सशस्त्र बलों में सेवाएं दे चुके हैं उनके पास अनुभव है और दक्षता है.
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रूस के रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगू ने बुधवार को टेलीविजन में दिए गए एक साक्षात्कार में कहा कि ‘कॉन्सक्रिप्ट’की तैनाती नहीं की जाएगी. केवल उन्हें ही तैनात किया जाएगा जिनके पास युद्ध से संबंधित अथवा सेवाओं का अनुभव है. कॉन्सक्रिप्ट से आशय उन व्यक्तियों से होता है जिन्हें सेना में अथवा देश के किसी भी सशस्त्र बल में सेवा देने के लिए बाध्य किया जाता है.
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रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग में 5,937 जवान मारे गए हैं. वहीं पश्चिम का अनुमान है कि मास्को के दावे के विपरीत उसके कहीं ज्यादा सैनिक युद्ध में मारे जा चुके हैं. व्लादिमीर पुतिन ने कहा कि जिन खतरों का सामना हम कर रहे हैं,उनसे हमारे देश, उसकी संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा करने के लिए आंशिक तैनाती का निर्णय सर्वथा उचित है.
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यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर ज़ेलेंस्की ने रूस के कब्जे में आए यूक्रेन के पूर्वी और दक्षिणी हिस्से में जनमत संग्रह कराने की योजना को कोरी बकवास बताते हुए खारिज किया साथ ही शुक्रवार से शुरू होने जा रही इस कवायद की निंदा करने के लिए यूक्रेन के सहयोगियों का आभार जताया है. वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की ने रात के वक्त देश संबोधित करते हुए कहा कि योजना को लेकर कई प्रश्न हैं साथ ही उन्होंने जोर दिया कि वे रूसी बलों के कब्जे में आए क्षेत्रों को वापस लेने की प्रतिबद्धताओं को बदल नहीं सकते.
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आंशिक तैनाती की घोषणा के बीच रूस की जनता में युद्ध को लेकर निराशा बढ़ने की आशंका हैं, ऐसे में संगठन वेनेसा ने बुधवार को देशव्यापी विरोध प्रदर्शन की अपील की है. उन्होंने कहा है कि रूस के हजारों पुरुष-हमारे पिता, भाई और पति युद्ध में झोंक दिए जाएंगे. वे किस लिए अपने प्राण गंवाएंगे? माताएं और बच्चे किए लिए विलाप करेंगे?
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रूस के रिश्ते पश्चिमी देशों से कभी सामान्य नहीं रहे हैं. यूक्रेन पर आक्रमण के बाद रूस के साथ पश्चिमी देशों के रिश्ते और बिखर गए. नाटो देशों का रुख रूस के खिलाफ है. फ्रांस भी रूस के खिलाफ है. अमेरिका पहले से ही रूस का धुर विरोधी है. यूरोपीय देश, जिन्हें रूस गैस और पेट्रोलियम सप्लाई करता है, वहां भी रूस का व्यापक स्तर पर विरोध हो रहा है. रूसी मुद्रा में व्यापार न होने की वजह से रूस की अर्थव्यवस्था भी लड़खड़ा रही है. व्लादिमीर पुतिन की महत्वाकांक्षा ने रूस को मुश्किलों में झोंक दिया है. पश्चिमी देश रूस पर और प्रतिबंध लगा सकते हैं.