श्रीलंका इस वक्त गंभीर आर्थिक संकट से गुजर रहा है. देश में खाने-पीने की चीजों के साथ ऊर्जा और दवाई की भी भारी किल्लत है. इसी सप्ताह श्रीलंकाई वित्त मंत्री ने बेलआउट पैकेज पर हस्ताक्षर के लिए भारत का दौरा किया था.
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गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका के पास जरूरी चीजों की भी कमी हो गई है. देश में कागज की कमी की वजह से स्कूली परीक्षाएं रद्द कर दी हैं. खराब आर्थिक हालात से गुजर रहे देश ने मदद के लिए भारत से भी गुहार लगाई है. कुछ दिन पहले ही श्रीलंका के वित्त मंत्री ने भारत का दौरा भी किया था. हालात इतने खराब हैं कि देश में खाने-पीने और जरूरी दवाओं का भी संकट है. बता दें कि आर्थिक तंगी से परेशान कोलंबो के पास आयात के लिए डॉलर की कमी है.
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बीते दिनों भारत ने गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका को खाद्य उत्पादों, दवाओं और दूसरी जरूरी चीजों की खरीद के लिए एक अरब डालर का ऋष दिया है. श्रीलंका की सरकार ने केंद्र सरकार से मदद की अपील भी की थी.
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चीन के कर्ज के चंगुल में फंसकर श्रीलंका की अर्थव्यवस्था बर्बादी के कगार पर पहुंच चुकी है. आर्थिक मंदी से जूझ रहे श्रीलंका के वित्त मंत्री बेसिल राजपक्षे भारत के साथ एक अरब डॉलर के नए बेलआउट पैकेज पर हस्ताक्षर करने के लिए भारत पहुंचे थे. उन्होंने मुश्किल दौर में मदद के लिए भारत का आभार जताया था.
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श्रीलंका 1948 में आजादी के बाद से अपने सबसे खराब वित्तीय संकट से जूझ रहा है. एशियाई देश के ऊपर चीन का भारी कर्ज है. देश की अर्थव्यवस्था की हालत इतनी खराब है कि लोगों को सस्ती ब्रेड और राशन तक नहीं मिल पा रहा है. बिजली संकट भी बहुत ज़्यादा है. श्रीलंका की बिगड़ती विदेशी मुद्रा की स्थिति ने ऊर्जा क्षेत्र को गंभीर रूप से प्रभावित किया है. देश अपनी तेल जरूरतों के लिए पूरी तरह से आयात पर निर्भर है.
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श्रीलंका के विदेश मंत्री बासिल राजपक्षे ने भारत दौरे पर कहा कि भारत और श्रीलंका के संबंध बहुत पुराने हैं. दोनों देशों के बीच आर्थिक और सामरिक ही नहीं बल्कि सांस्कृतिक संबंध भी हैं. राजपक्षे ने मुश्किल दौर में मदद के लिए भारत का आभार जताते हुए कहा था कि हर मुश्किल मोर्चे पर भारत ने श्रीलंका की मदद की है.