रूस (Russia) के हमले में यूक्रेन (Ukraine) बुरी तरह से तबाह हो रहा है. यूक्रेन की राजधानी कीव की कई इमारतें हवाई हमलों में क्षतिग्रस्त हो गई हैं. लोग बंकरों में छिपकर जान बचा रहे हैं. चाद दिनों के अंदर हजार से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं. रूस का दावा है कि यूक्रेन बातचीत को तैयार नहीं हो रहा है. रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) की शर्तों को मानने से वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की (Volodymyr Zelenskyy) ने इनकार कर दिया है. यही वजह है कि रूसी सेना ने यूक्रेन में सैन्य अभियान और तेज कर दिया है. रूस की मिसाइलें यूक्रेन की राजधानी कीव पर कहर बरसा रही हैं. रूस पूरे कीव पर ही अब कब्जा बनाना चाह रहा है.
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रूस में राष्ट्रपति कार्यालय क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने शनिवार को दावा किया कि यूक्रेनी पक्ष ने बातचीत करने से इनकार कर दिया है. इस रूसी सेना ने ऑपरेशन की योजना के अनुसार फिर से आगे बढ़ना शुरू कर दिया है. व्लादिमीर पुतिन ने शुक्रवार को यूक्रेन में सैन्य अभियान रोकने का आदेश दिया था.
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यूक्रेन के साथ रूस की बातचीत होने वाली थी लेकिन उससे पहले ही यूक्रेन अपने रुख पर अड़ा है. समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के मुताबिक पुतिन ने गुरुवार को डोनबास में एक विशेष सैन्य अभियान को मंजूरी दी है. यूक्रेन ने कहा है कि देशभर में सैन्य ठिकानों पर हमले हो रहे हैं.
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यूक्रेन के राष्ट्रपति कार्यालय के प्रमुख के सलाहकार ओलेक्सी एरेस्टोविच ने शनिवार को कहा कि यूक्रेन ने रूस के साथ बातचीत करने से इनकार कर दिया क्योंकि रूस द्वारा प्रस्तावित शर्ते देश के लिए अस्वीकार्य हैं. उन शर्तों के जरिए रूस ने हमें आत्मसमर्पण करने के लिए मजबूर करने की कोशिश की है.
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रूस दुनिया की महाशक्तियों में शुमार है वहीं यूक्रेन उससे विघटित एक छोटा सा देश है. यूक्रेन की सैन्य क्षमता भी कमजोर है. रूसी हमले का मुंहतोड़ जवाब देने की कोशिश यूक्रेन कर रहा है. खुल राष्ट्रपति वेलोदिमीर ज़ेलेंस्की कीव की गलियों में उतर गए हैं. वह सैन्य नेतृत्व भी कर रहे हैं. ज़ेलेंस्की पहले ही साफ कह चुके हैं कि रूस के आगे वह झुकेंगे नहीं. अंतिम दम तक उनके सैनिक रूस के हमलों का जवाब देंगे.
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यूक्रेन के राष्ट्रपति ने शनिवार को कीव छोड़ने से इनकार कर दिया था. उन्होंने साफ कहा था कि न हम हथियार डालेंगे न देश छोड़ेंगे, हम हमारे देश की रक्षा करेंगे. अमेरिका ने उनकी जान का खतरा बताते हुए देश छोड़ने में मदद की पेशकश की थी, जिसे उन्होंने ठुकरा दिया था. रूस के कब्जे में अभी तक न तो कीव है न ही खारकीव. ऐसे में रूस ने संघर्ष अभियान को और तेज कर दिया है.