रूस (Russia) और यूक्रेन (Ukraine) के बीच बीते 20 दिनों से युद्ध जारी है. दोनों देशों की लड़ाई में हजारों सैनिक और आम नागरिक मारे गए हैं. कीव में रूसी सेनाएं तबाही मचा रही हैं. यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की (Volodymyr Zelensky) ने कहा है कि उनका देश सुरक्षा गारंटी को स्वीकार करने के लिए तैयार था जिसका रूस विरोध करता है.
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वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की ने रूसी सैनिकों से कहा है कि वह हथियार डाल दें और सरेंडर कर दें. उन्होंने कहा कि आप यूक्रेन से कुछ हासिल नहीं करेंगे. आप सिर्फ जान लेंगे. लेकिन आपको क्यों मरना चाहिए. मुझे पता है कि आप जिंदा रहना चाहते हैं. जेलेंस्की ने एक वीडियो मैसेज में यह बातें कहीं हैं.
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वोलोदिमीर ज़ेंलेस्की ने संकेत दिया है कि नाटो सदस्यता के लिए अपनी आकांक्षाओं से समझौता करने के लिए यूक्रेन तैयार हो सकता है. नाटो में शामिल होने की मंशा ने ही रूस को नाराज कर दिया है. ऐसे में अगर खुले दरवाजे के साथ नाटो में एंट्री नहीं हो सकती है तो हम उन संघों का सहयोग करेंगे जिसके जरिए हमारी रक्षा हो सके जो हमारी सुरक्षा की गारंटी ले.
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रूस यूक्रेन के तीन शहरों को तबाह कर चुका है. मारियुपोल, कीव और खारकीव में रूस की भीषण बमबारी जारी है. लोगों का जीना मुहाल हो रहा है. ऐसे में रूस जैसी बड़ी ताकत के सामने ज़ेलेंस्की के पास झुकने के अलावा विकल्प नहीं है. हालांकि उनकी संघर्षशीलता को देखकर पश्चिमी देश उनकी तारीफ कर रहे हैं.
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रूस मारियुपोल शहर में भीषण बमबारी कर रहा है. नागरिकों का एक काफिला सुरक्षित हिस्सों के लिए घिरे बंदरगाह शहर मारियुपोल से बाहर निकल गया है. अधिकारियों ने कहा कि रूसी हमले के 20वें दिन कीव में बमबारी में कम से कम पांच लोग मारे गए. इमारतों में आग लगा दी गई और लोग मलबे में दब गए.
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रूसी सेना से घिरे यूक्रेन के मारियुपोल से एक ह्यूमन कॉरिडोर के जरिए करीब 20,000 लोगों ने शहर छोड़ा है. अभी तक इतनी बड़ी संख्या में लोगों ने वहां से पलायन नहीं किया था. यूक्रेन छोड़कर जाने वाले लोगों की संख्या 30 लाख के पार पहुंच गई है. रूस यूक्रेन के शहरों में भीषण तबाही मचा रहा है.
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यूक्रेन और रूस के प्रतिनिधिमंडलों के बीच मंगलवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए हुई बातचीत के बाद यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर ज़ेलेंस्की ने बुधवार को कहा कि रूस की मांगें अपेक्षाकृत अधिक वास्तविक हो रही हैं. दोनों पक्षों के बीच बुधवार को फिर से वार्ता होने की उम्मीद है. जंग के 21वें दिन भी दोनों देशों को कुछ नहीं हासिल हुआ है. ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि दोनों देश मिलकर इस विवाद को सुलझा सकते हैं.