पुर्तगाल में समय से पहले कराए गए चुनाव में सोशलिस्ट पार्टी ने पूर्ण बहुमत से जीत दर्ज की है. तय समय से पहले कराए गए चुनाव के नतीजों में प्रधानमंत्री एंटोनियो कोस्टा की पार्टी ने पूर्ण बहुमत हासिल कर लिया है. इन चुनावों के बाद अब उनके पास एक मजबूत सरकार चलाने का मौका है. अंतोनियो कोस्टा का भारत के समुद्री प्रांत गोवा से खास रिश्ता है.
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भारतीय मूल के एंटोनियो कोस्टा 2015 से ही देश की सत्ता में हैं. इससे पहले वह दो बार धुर-वामपंथी पार्टियों के साथ गठबंधन में सरकार चला रहे थे. 2019 के चुनाव में जीत दर्ज करने के बाद वह दो छोटी धुर-वामपंथी पार्टियों के समर्थन से सरकार चला रहे थे. इस चुनाव में सोशलिस्ट पार्टी को 41.7 फीसदी वोट मिले हैं. 230 सीटों की संसद में सोशलिस्ट पार्टी ने 117 सीटों पर दर्ज की हैं. पिछले चुनाव में उसे 36.3 फीसदी वोटों के साथ 108 सीटें मिली थीं.
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पुर्तगाल की अर्थव्यवस्था का ज्यादातर हिस्सा पर्यटन पर निर्भर है. कोविड महामारी की वजह से देश की आर्थिक स्थिति को जोर का झटका लगा है. कोस्टा के लिए देश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाना उनके लिए बड़ी चुनौती है. पुर्तगाली सरकार को 16.6 अरब यूरो का राहत पैकेज यूरोपियन यूनियन की ओर से 2026 तक के लिए मिला है. उनके ऊपर जिम्मेदारी के साथ इसे खर्च करने की भी चुनौती है.
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पुर्तगाल के प्रधानमंत्री की जीत पर पीएम नरेंद्र मोदी ने भी ट्वीट कर बधाई दी है. उन्होंने ट्वीट कर लिखा कि मेरे दोस्त एंटोनियो कोस्टा को पुर्तगाल का पीएम बनने की बधाई. उम्मीद है कि आपके नेतृत्व में देश सतत प्रगति के रास्ते पर आगे बढ़ेगा.
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पुर्तगाली पीएम के पिता ऑरलैंडो एक प्रतिष्ठित साहित्यकार थे. उनका जन्म गोवा के मडगाम में हुआ था और वहीं उनकी शुरुआती जिंदगी बीती थी. ऑरलैंडो पुर्तगीज़ कम्युनिस्ट पार्टी के सदस्य भी थे. उन्होंने उपनिवेश के विरोधी आंदोलन में हिस्सा लिया और पुर्तगाली भाषा में 'शाइन ऑफ एंगर' नाम की किताब लिखी जो काफी मशहूर है. ऑरलैंडो 18 साल की अवस्था में गोवा छोड़कर लिस्बन में जा बसे थे. एंटोनियो कोस्टा का जन्म मोजम्बिक में हुआ था.
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पुर्तगाल के प्रधानमंत्री एंटोनियो कोस्टा पर देश की जनता ने भरोसा दिखाया है. चुनावों में पूर्ण बहुमत मिलने की कई वजहों में एक उनकी मजबूत फैसले लेने वाली छवि भी है. कोविड महामारी के बाद के हालात में उन्होंने देश का नेतृत्व किया जिस पर जनता ने भी भरोसा दिखाया है. चुनावों में जीत के बाद उन्होंने कहा कि पुर्तगाल की अर्थव्यवस्था को गति और स्थिरता देना उनकी प्राथमिकता है.