Pakistan के PM इमरान खान ने पाकिस्तान की पहली सुरक्षा नीति पेश की है. इसमें उन्होंने चीन और रूस के साथ खास तौर पर सहयोग बढ़ाने पर जोर दिया है. भारत और कश्मीर के लिए एक बार फिर पुराना राग अलापा है. उन्होंने सुरक्षा नीति में देश की बदहाल अर्थव्यवस्था को ट्रैक पर लाने को भी प्राथमिकता बताया है. जानें, पाकिस्तान की सुरक्षा नीति की जरूरी बातें.
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पाकिस्तान ने यह राष्ट्रीय सुरक्षा नीति साल 2022 से 2026 तक के लिए है. इसमें भारत समेत दूसरे पड़ोसी देशों के साथ दोतरफा व्यापार और मैत्रीपूर्ण संबंधों पर जोर दिया गया है. इस नीति में कहा गया है कि पूर्ववर्ती सरकारों ने पाकिस्तान की आर्थिक स्थिरता और समृद्धि पर ध्यान नहीं दिया था. यही वजह है कि पाकिस्तान की आज अर्थव्यवस्था इस हाल में पहुंच गई है.
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सुरक्षा नीति में पाकिस्तान की आर्थिक सुरक्षा को मजबूत करने पर जोर दिया गया है. पाकिस्तान की आर्थिक हालात कंगाली के कगार पर है. नई नीति में खास तौर पर इस बात का हवाला दिया गया है कि विदेशी निवेश और द्विपक्षीय व्यापार पर जोर दिया जाएगा. देश में रोजगार के अवसरों को बढ़ाना भी प्राथमिकता है. नई सुरक्षा नीति में कहा गया है कि अब तक सैन्य प्रशिक्षण और ताकत पर ही जोर दिया गया है. सेना की ताकत हमारी प्राथमिकता है लेकिन देश की अर्थव्यवस्था को ठीक करना भी हमारी सोच है.
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भारत और रूस की दोस्ती दशकों पुरानी है. इमरान खान की सरकार रूस को लुभाने की कोशिशों में लगी है. नई सुरक्षा नीति में भी यह नजर आ रहा है. नई सुरक्षा नीति में कहा गया है कि पाकिस्तान और अमेरिका का इतिहास काफी पुराना है. हम रूस के साथ बेहतर संबंध बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं. हम वैश्विक राजनीति की खेमेबाजी में नहीं फंसना चाहते हैं. बता दें कि भारत के पास हाल ही में रूस की S-400 मिसाइलों की पहली खेप पहुंची है. पाकिस्तान भी रूस के साथ सैन्य सहयोग बढ़ाने पर जोर दे रहा है. विंटर ओलिंपिक में इमरान खान बीजिंग में रूस के प्रधानमंत्री से खास तौर पर मुलाकात भी करने वाले हैं.
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नई सुरक्षा नीति में भी पाकिस्तान की चीन के बोझ से दबे होने के संकेत मिल रहे हैं. इसमें चीन-पाकिस्तान इकनॉमिक कॉरिडोर को देश के लिए अहम बताया गया है. साथ ही, यह भी कहा गया है कि पाकिस्तानी की तरक्की और आर्थिक विकास के साथ राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए भी चीन एक अहम साथी है. बता दें कि इमरान खान खुले तौर पर कई बार चीन को भरोसेमंद और मददगर दोस्त बता चुके हैं.
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पाकिस्तान का दोहरा रवैया एक बार फिर स्पष्ट हो गया है. सुरक्षा नीति में भारत के साथ द्विपक्षीय और व्यापारिक संबंध बढ़ाने की बात की गई है. साथ ही, यह भी कहा गया है कि भारत में मोदी सरकार के रहते यह संभव नहीं है. इसमें यह भी कहा गया है कि भारत में हिंदुत्ववादी ताकतों के हावी होने की वजह से पाकिस्तान चिंतित है. पाकिस्तान की सुरक्षा को भी भारत से गंभीर खतरा है. नई सुरक्षा नीति को राष्ट्रीय गोपनीय दस्तावेज के तहत रखा गया है और इसका एक ही हिस्सा सार्वजनिक किया गया है.