पाकिस्तान (Pakistan) के प्रधानमंत्री इमरान खान के सितारे गर्दिश में चल रहे हैं. पाकिस्तान की विपक्षी पार्टियां इमरान खान पर लगातार दबाव बना रही हैं कि वह अपने पद से इस्तीफा दे दें. इमरान खान की कुर्सी पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं. लगातार बढ़ रही इस्तीफे की मांग के बीच इमरान खान ने कहा है कि चाहे कुछ भी हो जाए, वह इस्तीफा नहीं देंगे.
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विपक्षी दलों के अविश्वास प्रस्ताव से पहले इमरान खान ने साफ कर दिया है कि वह इस्तीफा देने के मूड में नहीं हैं. प्रधानमंत्री दफ्तर से जारी बयान में बुधवार को उन्होंने कहा कि मैं इस्तीफा नहीं दूंगा, चाहे जो जाए. उन्होंने कहा है कि वह बिना लड़े समर्पण नहीं करेंगे. इमरान खान ने यह भी कहा है कि बदमाशों के डर की वजह से वह नहीं हटेंगे.
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इमरान खान को सत्ता से हटाने के लिए पाकिस्तान के कई विपक्षी दलों ने हाथ मिलाया था. इमरान खान के खिलाफ विपक्ष ने अविश्वास प्रस्ताव पेश किया था. पाकिस्तान की संसद में चर्चा होने वाली थी लकिन पाकिस्तान नेशनल असेंबली का बहुप्रतीक्षित सत्र 28 मार्च तक के लिए स्थगित कर दिया गया
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नेशनल असेंबली के अध्यक्ष असद कैसर ने संसदीय परंपराओं का हवाला देते हुए सत्र को 28 मार्च तक के लिए स्थगित कर दिया. असद कैसर ने शुक्रवार के सत्र को स्थगित करने की घोषणा करने से पहले कहा कि इससे पहले, साथी सांसदों के निधन की वजह से नेशनल असेंबली को सत्र 24 बार स्थगित हो चुका है.
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संयुक्त विपक्ष के खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव की सफलता के लिए आवश्यक संख्या का समर्थन प्राप्त करने के दावों के बीच, नेशनल असेंबली सचिवालय द्वारा गुरुवार रात 41 वें सत्र के लिए 15 सूत्री एजेंडा जारी किया गया था.
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समाचार एजेंसी IANS के मुताबिक विपक्ष ने 8 मार्च को प्रधानमंत्री के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव प्रस्तुत किया था और नेशनल असेंबली सत्र बुलाने के लिए अनुच्छेद 54 (3) के अनुसार 14 दिन की संवैधानिक समय सीमा 21 मार्च को समाप्त हो गई थी.
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अविश्वास प्रस्ताव में कहा गया है कि इस सदन का विचार है कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने पाकिस्तान की नेशनल असेंबली के अधिकांश सदस्यों का विश्वास खो दिया है, इसलिए उन्हें पद छोड़ देना चाहिए.