मंकीपॉक्स (Monkeypox) के बढ़ते मामलों पर विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने चेतावनी दी है कि इस बीमारी का विस्तार उन देशों में भी हो सकता है जहां यह बीमारी मौजूद नहीं है. बढ़ते मामलों पर कड़े निगरानी की जरूरत है. विश्व स्वास्थ्य संगठन आने वाले दिनों में इस बीमारी को लेकर एडवाइजरी जारी कर सकता है.
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विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा है कि स्थितियां तेजी से बदल रही हैं. ऐसे में मंकीपॉक्स के बढ़ते मामलों पर गौर करने की जरूरत है. यह एक नॉन-एंडेमिक बीमारी है जो कुछ देशों में मौजूद भी नहीं है.
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विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा है कि एपिडेमियोलॉजिकल इन्वेस्टिगेशन जारी है. अभी तक यह साबित नहीं हो सका है कि ट्रैवल हिस्ट्री इस बीमारी के लिए कोई फैक्टर है. संक्रमित जगह से आने वाले लोग मंकीपॉक्स के शिकार नहीं हो रहे हैं.
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मौजूदा आंकड़ों के मुताबिक अभी तक समलैंगिक पुरुषों (MSM) में संक्रमण के मामले ज्यादा पाए गए हैं. हालांकि यह कहना गलत होगा कि सिर्फ समलैंगिकों में इसके केस सामने आ रहे हैं. बच्चे भी इससे संक्रमित हो रहे हैं.
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विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक मंकीपॉक्स, कभी-कभार ही सामने आने वाला एक विषाणु जनित रोग है जिसके मामले मुख्य रूप से मध्य और पश्चिम अफ़्रीका के उष्णकटिबन्धीय वर्षावन क्षेत्रों में पाए जाते हैं. मगर, हाल के दिनों में विश्व के दूसरे क्षेत्रों में भी ये संक्रमण उभरा है.
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सामान्य तौर पर आमतौर मंकीपॉक्स से संक्रमित लोगों में बुखार, दाने और लिम्फ नोड्स में सूजन जैसे लक्षण सामने आते हैं. अब तक योरोप के कम से कम आठ देशों में संक्रमण के मामले सामने आए हैं. बेल्जियम, फ्रांस, जर्मनी, इटली, पोर्तुगल, स्पेन, स्वीडन और ब्रिटेन में इसके लगभग 80 मामलों का पता चल चुका है. कुल मामले 120 से ज्यादा हो गए हैं.
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ज्यादातर संक्रमित लोगों में हल्के लक्षण देखे जा रहे हैं. मंकीपॉक्स के अधिकांश मामलों में संक्रमित, बिना किसी उपचार के कुछ ही हफ्तों में ठीक हो जाते हैं. यह बीमारी और भी गम्भीर हो सकती है. यह बीमारी युवा, बच्चों और गर्भवती महिलाओं के लिए खतरनाक साबित हो सकती है.
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विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा है कि प्रभावित देशों के साथ मिलकर प्रयास किए जा रहे हैं जिससे संक्रमण के सोर्स का पता लगाया जा सके, और वायरस के फैलाव और उस पर क़ाबू पाने के रास्तों के प्रति जानकारी बढ़ाई जा सके. कई देशों को निगरानी, परीक्षण, संक्रमण, रोकथाम व नियंत्रण उपायों, क्लीनिक प्रबन्धन, जोखिम संचार और सामुदायिक सम्पर्क व बातचीत के सिलसिले में दिशानिर्देश दिए जा रहे हैं.
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मंकीपॉक्स वायरस ज़्यादातर चूहे और प्राइमेट्स से फैल रहा है. यह इंसानों से इंसानों में भी फैल सकता है. संक्रमित त्वचा को छूने, बोलते, ड्रॉपलेट निगलने, यौन सम्पर्क, या बिस्तर, चादर को छूने से भी यह फैल सकता है.
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आमतौर पर इस रोग में, बुख़ार, दाने और लिम्फ़ नोड्स में सूजन जैसे लक्षण सामने आते हैं. इस रोग से संक्रमित होने का सन्देह होने पर लोगों की तत्काल जांच करानी चाहिए और उन्हें अलग रखा जाना चाहिए.