Skip to main content

User account menu

  • Log in

Monkeypox Update: 1958 में हुई थी मंकीपॉक्स की पहचान, इन जानवरों से इंसानों में फैला यह वायरस

Primary tabs

  • View(active tab)
  • View Live site

Breadcrumb

  1. Home
  2. अंतर्राष्ट्रीय खबरें
Submitted by Manish.Kumar@d… on Mon, 05/23/2022 - 22:42

अभी दुनिया कोरोना (covid-19) से पूरी तरह से उबरी भी नहीं है कि मंकीपॉक्स (Monkeypox) ने दस्तक दे दी. कई सालों बाद बड़े स्तर पर मंकीपॉक्स के फैलने से कई यूरोपीय देश परेशान हो गए हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि इस वायरस के लिए अभी भी पर्याप्त इलाज मौजूद नहीं है जो पूरी तरह से इस वायरस को खत्म कर इंसानों को इसकी चपेट से बचा सके. हमने और हमारी टीम ने मंकी पॉक्स को लेकर गहरी रिसर्च की ताकि आप सबको बता सके कि ये मंकी पॉक्स क्या है, कहां से आया, इसे फैलने से कैसे रोके और खुद को इससे कैसे बचाएं आदि. आइए जानते है मंकी पॉक्स की पूरी कहानी.

Slide Photos
Image
आखिर क्या बला है ये मंकी पॉक्स ?
Caption

मंकी पॉक्स एक डबल-स्ट्रैंडेड डीएनए वायरस है जोकि पॉक्स विरिडे फैमली  के ऑर्थोपॉक्सवायरस वायरस से संबंधित है. आसान शब्दों में कहा जाए तो मंकी पॉक्स जानवरों से इंसानों में फैलने वाला एक वायरस है, जिसके लक्षण चेचक(smallpox) जैसे होते हैं. एक्सपर्ट्स का कहना है कि चेचक के मुकाबले इलाज की दृष्टि से मंकी पॉक्स (monkeypox in hindi) कम गंभीर है. 

Image
सबसे पहले कहां पाया गया था मंकी पॉक्स ?
Caption

मंकीपॉक्स नाम की उत्पत्ति साल 1958 में डेनिश प्रयोगशाला में बंदरों में वायरस की शुरुआती खोज से हुई थी. लेकिन इंसानों में इस वायरस का सबसे पहला केस साल 1970 में रिपब्लिक ऑफ कांगो में एक 9 साल के लड़के में देखा गया था. हालांकि स्मॉलपॉक्स या चेचक को टीके के जरिए पूरी दुनिया से साल 1980 में खत्म कर दिया था लेकिन कई मध्य अफ्रीकी और पश्चिम अफ्रीकी देश में मंकी पॉक्स के केस अब भी पाए जाते हैं. अभी तक मंकी पॉक्स के ज्यादातर केस  ग्रामीण, बारिश वाले क्षेत्रों से सामने आए हैं. 
 

Image
मंकी पॉक्स के लिए ये जानवर है जिम्मेदार ?
Caption

मंकी पॉक्स के लिए कई जानवरों की प्रजातियों को जिम्मेदार माना गया है. इन जानवरों में गैम्बियन पाउच वाले चूहे, रोप गिलहरी, डॉर्माउस, ट्री गिलहरी
गैर-मानव प्राइमेट आदि प्रजातियां शामिल हैं. ये वायरस जानवरों से इंसानों के शरीर में मुख्यतः तीन तरह से प्रवेश कर सकता है. पहला जब ऊपर बताए गए जानवरों में से कोई जानवर आपको काट खाए. दूसरा अगर वह अपने नाखूनों से आपकी स्किन को स्क्रैच कर दे यानी छील दें. तीसरा जब आप शिकार किए गए मीट (bush meat) का सेवन करते हैं. मंकी पॉक्स का विस्तार जानवरों से इंसानों में होता तो है पर एक इंसान से दूसरे इंसान में इस वायरस का विस्तार अभी तक नहीं देखा गया है.  हालांकि मंकी पॉक्स वायरस एक संक्रमित इंसान से दूसरे इंसान के संपर्क में आने पर त्वचा, रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट या आंख, नाक और मुंह के जरिए भी फैल सकता है.  
 

Image
क्या हैं इसके लक्षण ?
Caption

मंकी पॉक्स वायरस लक्षणों की शुरुआत आमतौर पर 6 -12 दिनों तक हो जाती है. लिम्फ नोड्स की सूजन, बुखार, तेज सिरदर्द,  पीठ में दर्द, मांसपेशियों में दर्द आदि लक्षण इसकी विशेषता हैं . मंकी पॉक्स से संक्रमित होने पर शुरुआत में फफोले और दाने शरीर में गर्दन की बजाय चेहरे और हाथ-पांव पर दिखाई देने लगते हैं. जो पहले स्मॉल पॉक्स की तरह ही नजर आते हैं. इसके बाद बुखार आने के एक से तीन दिनों के अंदर त्वचा फटने (skin tear) लग जाती है . इतना ही नहीं ये वायरस मुंह, हथेलियों  और पैरों को ज्यादा नुकसान पहुंचाता है.

Image
इन देशों में भी पहुंचा मंकी पॉक्स
Caption

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की एक रिपोर्ट के अनुसार गैर- अफ्रीकी देशों के अलावा अभी तक इन देशों में मंकी पॉक्स के ताजा मामले मिले हैं. जिनमें जिनमें से सबसे अधिक पुर्तगाल, स्पेन और यूनाइटेड किंगडम शामिल हैं. वहीं अमेरिका में करीब 5 केसों की पुष्टि हो चुकी है. 

Image
मंकी पॉक्स को फैलने से कैसे रोकें ?
Caption

सबसे पहले तो जिन जानवरों का जिक्र हमने ऊपर किया हुआ है उन जानवरों से दूरी बनाकर रखें. दूसरा अगर आपके समक्ष कोई ऐसा इंसान है जिसे मंकी पॉक्स हो गया है या आप ऐसे क्षेत्र में हैं जहां मंकी पॉक्स के केस अधिक हैं तो आप मास्क का प्रयोग करें. स्किन कॉन्टैक्ट को कम रखें, ग्लव्स का यूज करें और साबुन और एल्कोहल बेस्ड सैनिटाइजर और हैंड रब से समस-समय पर हाथ धोएं.

Image
मंकी पॉक्स का इलाज कैसे करें
Caption

मंकी पॉक्स के शुरुआती लक्षण दिखने पर आपको तुंरत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए साथ ही अपने खून की जांच करानी चाहिए. एक्सपर्ट की माने तो चेचक की रोकथाम के लिए बने वैक्सीन भी मंकीपॉक्स से कुछ हद तक सुरक्षा प्रदान करती है. चेचक के लिए विकसित की गई  MVA-BN वैक्सीन को साल 2019 में मंकीपॉक्स के रोकथाम में इस्तेमाल के लिए स्वीकृति दे दी गई थी.  हालांकि मंकी पॉक्स के लिए अभी तक व्यापक रूप से कोई वैक्सीन या कारगर इलाज उपलब्ध नहीं है. इस वायरस को खत्म करने के लिए अभी भी स्टडी चल रही है. 

Short Title
monkeypox: कैसे हुई शुरुआत अभी तक इन देशों में फैल चुका है ये वायरस
Section Hindi
अंतर्राष्ट्रीय खबरें
डीएनए एक्सप्लेनर
सेहत
लेटेस्ट न्यूज
Authors
मनीष कुमार
Tags Hindi
monkeypox
Monkeypox Case
​Monkeypox disease
Monkeypox in UK
​Monkeypox symptoms
monkeypox in hindi
vaccine for monkeypox virus
how to stop monkeypox
Url Title
latest update on monkeypox virus these countries are affected from monkeypox
Embargo
Off
Page views
1
Created by
Manish.Kumar@dnaindia.com
Updated by
Manish.Kumar@dnaindia.com
Published by
Manish.Kumar@dnaindia.com
Language
Hindi
Thumbnail Image
monkeypox virus update
Date published
Mon, 05/23/2022 - 22:42
Date updated
Mon, 05/23/2022 - 22:42
Home Title

Monkeypox Update: 1958 में हुई थी मंकीपॉक्स की पहचान, इन जानवरों से इंसानों में फैला यह वायरस