पाकिस्तान (Pakistan) में बाढ़ की वजह से भीषण तबाही मची है. ज्यादातर मैदानी हिस्से पूरी तरह से जलमग्न हो गए हैं. हजारों लोगों की बाढ़ की वजह से मौत हो गई है, वहीं लाखों लोग विस्थान को मजबूर हो गए हैं. जलवायु परिवर्तन (Climate Change) का असर पाकिस्तान पर कुछ ऐसा पड़ा है कि अब यह देश विकसित देशों से मुआवजे की मांग कर रहा है.
Slide Photos
Image
Caption
पाकिस्तान विकसित देशों से क्षतिपूर्ति की मांग कर रहा है. पाकिस्तान का कहना है कि विकसित देशों की वजह से जलवायु परिवर्तन संकट पैदा हुआ है. विकसित देश ही त्रासदी के लिए जिम्मेदार हैं. पाकिस्तान के क्लाइमेट चेंज मंत्री शेरी रहमान ने कहा है कि ग्लोबल वॉर्मिंग के लिए उनका देश न के बराबर जिम्मेदार है, हालांकि सबसे बुरा असर पाकिस्तान पर ही पड़ रहा है.
Image
Caption
पाकिस्तान की ये मांग कहीं से भी गलत नहीं है. पर्यावरण न्यायशास्त्र पर अगर भरोसा करें तो यह सच है कि अमीर देशों के विकास का नतीजा गरीब देश भुगतते हैं. पाकिस्तान की तरह ही दुनिया के कई देश ऐसे हैं जो यही मांग उठा रहे है. विकास का सबसे बुरा असर उन देशों पर पड़ रहा है जो समुद्र तटों के किनारे हैं. आने वाले दिनों में उनके पूरी तरह से डूब जाने की भी आशंका बनी हुई है. दुखद यह है कि ऐसे देशों की मांग हर बड़े मंचों पर अनसुनी ही रह जा रही है.
Image
Caption
पाकिस्तान का इंग्लैंड जितना हिस्सा बाढ़ में डूब गया है. पाकिस्तान का करीब 243,610 स्क्वायर किलोमीटर इलाका बाढ़ की वजह प्रभावित है. अगर मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो पाकिस्तान का हर 7 में से एक नागरिक बाढ़ की वजह से प्रभावित है.
Image
Caption
पाकिस्तान में आई अभूतपूर्व बाढ़ के कारण प्रशासन को देश में ताजा पानी की सबसे बड़ी झील को ओवरफ्लो होने से बचाने के लिए मंगलवार को जद्दोजहद करना पड़ा. झील के जलस्तर को कम करने का प्रशासन का सारा प्रयास विफल रहा है और इस कारण आसपास रहने वाले 1,00,000 लोगों को अब तक विस्थापित होना पड़ा है.
Image
Caption
पाकिस्तान में इस साल मानसून के दौरान रिकॉर्ड बारिश होने के बाद सिंध प्रांत में स्थित मंचर झील भर गई है. लगातार हो रही मूसलाधार बारिश के कारण एक तिहाई पाकिस्तान पानी में डूबा हुआ है और जून के मध्य से अभी तक 1,300 से ज्यादा लोगों की बाढ़ के कारण मौत हो चुकी है. रविवार को झील से पानी छोड़ने का प्रयास भी किया था. उनके प्रयासों के बावजूद सोमवार को भी झील में जलस्तर बहुत ऊंचा रहा. मंगलवार को फिर से जलस्तर को कम करने का प्रयास किया गया.
Image
Caption
झील का तटबंध अभी तक चार बार टूट चुका है और निचले इलाके में बसे लोगों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए 1,00,000 से ज्यादा लोगों को वहां से सुरक्षित जगहों पर ले जाया गया है. इसबीच, मंगलवार को देश में बाढ़ के कारण और 11 लोगों की मौत होने के साथ इस आपदा में अब तक मरने वालों की संख्या बढ़ कर 1,325 हो गई है.
Image
Caption
देश में सबसे ज्यादा 522 लोगों की मौत सिंध प्रांत में हुई है. वहीं, खैबर पख्तूनख्वा में 289, बलुचिस्तान में 260, पंजाब में 189, पाकिस्तानी कब्जे वाले कश्मीर में 42, गिल्गिट-बाल्टिस्तान में 22 और इस्लामाबाद में एक व्यक्ति की मौत हुई है.
Image
Caption
बाढ़ में अभी तक कम से कम 12,703 लोग घायल हुए हैं. वहीं देश में 5,735 किलोमीटर सड़कें खराब हो गई हैं. प्रशासन लगातार लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाने और बाढ़ प्रभावितों को राहत पहुंचाने का प्रयास कर रहा है. सेना के कम से कम 363 हेलीकॉप्टर देश के विभिन्न हिस्सों में बाढ़ राहत कार्यों में जुटे हुए हैं.
Image
Caption
पाकिस्तान में आई त्रासदी की सबसे बड़ी वजह क्लाइमेट चेंज है. अप्रैल और मई महीने में पाकिस्तान में तापमान 40 डिग्री सेंट्रीग्रेट से लेकर 51 डिग्री सेंटीग्रेट तक पहुंच गया था. दूसरी तरफ इस देश में हीटवेव भी भयावह स्थिति तक पहुंच गई थी. जलवायु वैज्ञानिकों का कहना है कि भीषण गर्मी की वजह से उत्तरी पर्वतीय क्षेत्रों में ग्लेशियर लगातार पिघलते रहे, जिसकी वजह से कई सहायक नदियों का जलस्तर बढ़ने लगा. ये सभी नदिंया सिंधु नदी मं जाकर मिलती हैं.
Image
Caption
सिंधु नदी पाकिस्तान की सबसे बड़ी नदी है. सिंधु नदी के उद्गम स्थल और कुछ पर्वतीय इलाकों की पड़ताल करने गए वैज्ञानिकों का कहना है कि नदियों की राह में भीषण कीचड़ फैल रहा है. यही साफ इशारा कर रही है ग्लेशियर बेहद तेजी से पिघल रहे हैं. ग्लेशियर के पिघलने से नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है जिसकी वजह से पाकिस्तान बाढ़ में डूबता जा रहा है.