भारत और बांग्लादेश के बीच संबंध काफी पुराने हैं और दोनों देशों के बीच दोस्ती लगातार मजबूत हो रही है. इस साल पड़ोसी देश के स्वतंत्रता दिवस पर भारत ने एक बहुत खास तोहफा देने का ऐलान किया है. क्या है वह तोहफा जानने के लिए नीचे स्क्रोल करें लेकिन पहले जान लें बांग्लादेश के स्वतंत्रता संग्राम का इतिहास.
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26 मार्च 1971 को शेख मुजीब-उर-रहमान ने बांग्लादेश को आजाद घोषित किया था. पूर्वी पाकिस्तान में 1947 के बाद से ही पाकिस्तान की ओर से जुल्म ढाए जाते रहे थे. इन्हीं ज्यादती के खिलाफ उन्होंने देश के लोगों से स्वतंत्रता संग्राम का आह्वान भी किया था. इसके बाद शुरू हुआ स्वतंत्रता संग्राम नौ महीने तक चला था. इस संग्राम में भारत ने मदद की थी और 16 दिसंबर 1971 को पाकिस्तान की सेना के भारत के सामने आत्मसमर्पण करने के साथ ही ये संघर्ष खत्म हुआ था. 16 दिसंबर को बांग्लादेश में विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है.
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शेख मुजीब-उर-रहमान को बांग्लादेश का संस्थापक कहा जाता है. उन्हें इस देश का राष्ट्रपिता भी माना जाता है. भारत में भी उनकी प्रतिष्ठा है और पश्चिम बंगाल में खास तौर पर उन्हें बंग-बंधु के नाम से जाना जाता है. अलग बांग्लादेश गठन के बाद उन पर अपने परिवार को बढ़ावा देने के आरोप भी लगे थे. 15 अगस्त 1975 को बांग्लादेश सेना के कुछ जूनियर अधिकारियों ने राष्ट्रपति भवन पर टैंक लेकर हमला कर दिया था. इस हमले में शेख मुजीब उर रहमान समेत उनका परिवार और स्टाफ मारे गए थे. उनकी दो बेटियां शेख हसीना और शेख रेहाना की जान बच गई थी क्योंकि वो दोनों उस समय जर्मनी में थीं. इसके बाद शेख हसीना ने राजनीति में हिस्सा लिया और अपने पिता की विरासत संभालने के लिए लंबी लड़ाई लड़ी थी. 1996 में वह बांग्लादेश की प्रधानमंत्री चुनी गई थीं.
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कोरोना महामारी के कारण दोनों देशों के बीच ट्रेन सेवा को मार्च 2020 में बंद कर दिया गया था. 2 साल बाद ट्रेन सेवा फिर से बहाल की जा रही है और अब कुल 3 ट्रेन दोनों देशों के बीच चलेंगी. दोनों देशों के बीच चलने वाली पहली ट्रेन मैत्री एक्सप्रेस था. इसे 2008 में शुरू किया गया था तब प्रणब मुखर्जी ने हरी झंडी दिखाकर ट्रेन को विदा किया था. 43 साल के बाद दोनों देशों के बीच पहली बार अंतरराष्ट्रीय ट्रेन सेवा शुरू हुई थी. कोलकाता से ढाका के बीच 400 किमी की दूरी आठ घंटे से अधिक समय में तय करती है.
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भारत और बांग्लादेश के बीच 2017 में एक और ट्रेन शुरू की गई थी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हरी झंडी दिखाकर इस ट्रेन को रवाना किया था. कोलकाता और खुलना के बीच कुल 375 किलोमीटर की दूरी 10 घंटे में तय करती है. मीडिया रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि यह ट्रेन सप्ताह में 2 दिन चलेगी.
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने पिछले साल मार्च में वीडियो कांफ्रेंसिंस के जरिए भारत-बांग्लादेश के बीच तीसरी ट्रेन का उद्घाटन किया था. यह ट्रेन ढाका से पश्चिम बंगाल के न्यू जलपाईगुड़ी के बीच चलाई गई थी लेकिन कोविड की वजह से परिचालन नहीं हो सका था. अब 26 मार्ट से इसके चलने की भी सूचना है.