डीएनए हिंदी: इसी महीने चीन की कम्युनिस्ट पार्टी (Communist Party) की कांग्रेस होनी है. यानी पार्टी का सालाना अधिवेशन 16 अक्टूबर को होना है. इस अधिवेशन से पहले चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग (Xi Jinping) पूरी ताकत झोंक रहे हैं. एक दशक पहले भ्रष्टाचार विरोधी कार्रवाई के दम पर सत्ता में आए शी जिनपिंग इन दिनों अपनी पकड़ मजबूत करने में लगे हैं. पार्टी और चीन की सत्ता पर अपना दबदबा कायम रखने के लिए शी जिनपिंग एक बार फिर से भ्रष्टाचार विरोधी कार्रवाई कर रहे हैं.
कम्युनिस्ट पार्टी की अनुशासन समिति के डेटा के मुताबिक, शी जिनपिंग के सत्ता में आने के बाद से 15 लाख से ज़्यादा अधिकारियों को भ्रष्टाचार के मामलों में सजा दी गई है. इसका नतीजा यह हुआ है कि ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल के करप्शन परसेप्शन इंडेक्स में चीन की स्थिति काफी बेहतर हो गई है. हालांकि, जिनपिंग के आलोचकों का मानना है कि भ्रष्टाचार के नाम पर शी जिनपिंग ने अपने राजनीतिक विरोधियों को किनारे लगाया है.
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भ्रष्टाचार के नाम पर विरोधियों को निपटा रहे हैं जिनपिंग
इस बार के पार्टी कांग्रेस में यह मुद्दा उछल सकता है. दरअसल, इसी साल अब तक 1,100 अधिकारियों को कम्युनिस्ट पार्टी ने भ्रष्टाचार के मामलों में दोषी पाया है. इन दोषियों में पूर्व डिप्टी पब्लिक सिक्योरिटी मंत्री सुन लिजुन और पूर्व न्याय मंत्री फु जुनेजुआ भी रहे हैं. इन दोनों को आजीवन कारावास की सजा दी जा चुकी है. चीन के राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि शी जिनपिंग आखिरी चरण के 'शुद्धीकरण' जैसा अभियान चला रहे हैं और इसे भ्रष्टाचार विरोधी अभियान का नाम दे दिया है. अगर शी जिनपिंग अपने इस अभियान में सफल होते हैं तो पार्टी पर उनका दबदबा बढ़ जाएगा और उनके विरोधी बुरी तरह हताश हो जाएंगे. रिपोर्ट के मुताबिक, शी जिनपिंग तीसरी बार भी पार्टी के मुखिया बन सकते हैं.
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चीन की सत्ता और पार्टी पर कब्जे के इसी सनक में शी जिनपिंग धड़ाधड़ फैसले ले रहे हैं और अपने विरोधियों को किनारे लगाते जा रहे हैं. कहा जाता है कि सुन लिजुन एक समय पर शी जिनपिंग के काफी करीबी हुआ करते थे. साल 2019 के हॉन्ग कॉन्ग विद्रोह और कोरोना महामारी में भी उन्होंने जिनपिंग के लिए जमकर काम किया. हालांकि, उनकी राजनीतिक महात्वाकांक्षा कीवजह से वह जिनपिंग के निशाने पर आए. उन पर आरोप लगे कि वह पार्टी की एकता को भंग कर रहे हैं.
पार्टी और सरकार से बाहर हो रहे हैं जिनपिंग के विरोधी
लिजुन ने बाद में टीवी पर सार्वजनि रूप से स्वीकार किया कि उन्होंने 1.4 करोड़ डॉलर की रिश्वत ली. लिजुन के करीबी नेताओं और अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई की गई और उन्हें सख्त सजा दी गई. इस पूरे मामले को शी जिनपिंग के अपनी ताकत को साबित करने के कदम के रूप में देखा गया. शी जिनपिंग ने अपनी इस कार्रवाई से अपने विरोधियों को भी कड़ा संदेश देने की कोशिश की.
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पिछले कुछ समय से कम्युनिस्ट पार्टी में शी जिनपिंग के खिलाफ आवाज उठ रही है. एक धड़ा ऐसा है जो शी जिनपिंग के रवैये से खुश नहीं है. यही वजह है कि शी जिनपिंग अपने विरोधियों को किनारे लगाकर पार्टी और सरकार के अहम पदों पर अपने करीबियों को बिठा रहे हैं. उन्होंने पार्टी के तीन अहम विंग- मिलिट्री, प्रोपेगेंडा मशीन और इंटरनल सिक्योरिटी विभाग में अपने करीबियों की नियुक्ति करके इन्हें अपने और करीब कर लिया है.
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शी जिनपिंग का मिशन 'अंतिम शुद्धीकरण'! पार्टी और सरकार पर दबदबे की कोशिश