डीएनए हिंदी: पिछले 7 महीनों से जारी रूस-यूक्रेन युद्ध (Russia-Ukraine War) लंबा खिंचने से रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) काफी खींझ गए हैं. ऐसे में वह यूक्रेन समेत अमेरिका और पश्चिमी राष्ट्रों को परमाणु हमले (Atomic Attack) की धमकी तक देने लगे हैं. अमेरिका द्वारा भी जवाबी कार्रवाई की बात कही गई. इस बीच यूक्रेन में आम आदमी के लिए पुतिन की धमकी सबसे ज्यादा डरावनी है. यूक्रेन के आम नागरिक लगातार आयोडीन की गोलियां (Iodine Tablets) खरीद रहे हैं लेकिन ऐसा क्यों और क्या आयोडीन की ये टैबलेट्स परमाणु हमले से हुए रेडिएशन के असर को कम कर इंसानों को बचा सकती हैं? चलिए इसे समझते हैं.
दरअसल, अलग-अलग अंतर्राष्ट्रीय मीडिया रिपोर्ट्स बता रही हैं कि व्लादिमीर पुतिन द्वारा यूक्रेन में परमाणु हमले की धमकी से डर के बीच यहां यूक्रेनी नागरिक भारी मात्रा में आयोडीन की गोलियां खरीद रहे है. न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक राजधानी कीव में रोजाना कई ग्राहक आयोडीन की गोलियों की तलाश में आ रहे हैं और जिन्हें मिल रही है, वे भर-भर के ले जा रहे हैं.
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मेडिकल स्टोर्स से खत्म हो रहे हैं स्टॉक्स
आपको बता दें कि पिछले हफ्ते ही कीव के सिटी काउंसिल द्वारा एक घोषणा की गई थी कि अगर कोई परमाणु त्रासदी होती है तो डॉक्टरों की सलाह के आधार पर लोगों को पोटेशियम आयोडाइड की गोलियां वितरित की जाएंगी. इसके साथ ही उन्होंने कहा था कि ये गोलियां शहर की दवा दुकानों में भी उपलब्ध हैं.
आपको बता दें कि केवल यूक्रेन ही नहीं बल्कि यूक्रेन के आस-पास के यूरोपीय देशों को भी परमाणु हमले और उसके रेडिएशन का डर सताने लगा है. इसके चलते यूरोप के कुछ देशों ने पहले से ही इन गोलियों को स्टॉक करना शुरू कर दिया है. इस अफरा-तफरी के बीच खबर यह भी है कि फ़िनलैंड के कई मेडिकल स्टोर्स में इन गोलियों की कमी हो गई है.
Iodine Tablets की हो रही अंधाधुंध बिक्री के चलते फिनलैंड के स्वास्थ्य मंत्रालय ने लोगों को सलाह दी कि आपात स्थिति में ही लोगों को केवल एक खुराक खरीदनी चाहिए. वहीं डॉक्टरों का कहना है कि जिस वक्त परमाणु हमला हो इस दवा को उसी वक्त लेना ही कारगर होगा. समय से पहले या बार बार लेने से इस दवा का कोई लाभ नहीं है. ऐसे में सही वक्त पर ली गई इसकी एक गोली भी कारगर है. इसलिए ज्यादा टैबलेट्स की कोई आवश्यकता ही नहीं है.
शरीर में कैसे दाखिल होता है रेडिएशन
जब कहीं परमाणु हमला या किसी अन्य परमाणु त्रासदी से रेडिएशन होता है तो उससे निकले रेडियोधर्मी पदार्थ सांस लेने या दूषित भोजन के जरिये शरीर में प्रवेश करते हैं. इसके बाद ये थाइराइड कैंसर के खतरे को बढ़ाते हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार यह बच्चों के लिए सबसे ज्यादा खतरनाक होते हैं और इसके स्वास्थ्य जोखिम कई वर्षों बाद तक रह सकते हैं जैसा की हम आज भी जापान में देख सकते हैं.
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क्या सच में कारगर हैं Iodine Tablets
यह एक अहम सवाल है कि क्या यह एक टैबलेट इंसानों को परमाणु हमले के रिडएशन से बचा सकती है तो इस मामले में विशेषज्ञों का कहना है कि पोटेशियम आयोडाइड यानी (KI) एक प्रकार के परमाणु जोखिम के खिलाफ खास सुरक्षा प्रदान करता है. किसी परमाणु दुर्घटना में वातावरण में बड़ी मात्रा में रेडियोधर्मी आयोडीन उत्सर्जित होता है. ऐसे में आयोडिन की ये गोलियां गर्दन में मौजूद हार्मोन-उत्पादक ग्रंथि थाइराइड को ये रेडियोधर्मी आयोडीन लेने से रोकती हैं और रेडिएशन के लिए एक प्रतिरोधक का काम करती हैं.
आयोडीन की गोलियां थाइराइड को आयोडीन के एक स्थिर संस्करण से भर देती हैं जिससे रेडियोधर्मी आयोडीन अंदर नहीं जा पाता. अगर थाइराइड पहले से ही पोटेशियम आयोडाइड से भरा हुआ है तो यह हानिकारक आयोडीन को नहीं ले पाएगा जो किसी परमाणु दुर्घटना के बाद वातावरण में बचा रह जाता है और हवा तैरता रहता है.
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किस स्थिति में हो सकती है बेअसर
इनकी उपलब्धता की बात की जाए तो ये गोलियां बेहद सस्ती होती हैं और दुनियाभर में आसानी से उपलब्ध हैं. अमेरिका सहित कई देशों में इनका भंडार है. यही कारण हैं कि ये यूक्रेन और यूरोपीय देशों में काफी तेजी से बिक रही हैं. असर की बात करें तो एक अहम बात यह है कि ये Iodine Tablets किसी अन्य प्रकार के रेडिएशन से बचाव में सक्षम नहीं होगा. अगर एक परमाणु बम कई अलग-अलग प्रकार के विकिरण और रेडियोधर्मी तत्व छोड़ते हैं जो शरीर के कई हिस्सों को नुकसान पहुंचा सकता है. ऐसे में इस पर पूरी तरह से निर्भर होना भी एक बचकानी हरकत होगी.
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