डीएनए हिंदी: जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे को आज अंतिम विदाई दी जाएगी. शिंजो आबे के अंतिम संस्कार से जुड़े कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित दुनियाभर के नेता टोक्यो पहुंच चुके हैं. 8 जुलाई को जापान के नारा शहर में एक प्रचार कार्यक्रम के दौरान उनपर हमला हुआ था जिसके बाद अस्पताल में शिंजो आबो की मौत हो गई थी. पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे के अंतिम संस्कार से पहले जापान ने टोक्यो में सुरक्षा व्यवस्था काफी सख्त की हुई है. शिंजो आबे के राजकीय अंतिम संस्कार में खर्च की जा रही बड़ी रकम को लेकर जापान के लोग अपनी सरकार की जमकर आलोचना कर रहे हैं. शिंजो आबे के अंतिम संस्कार में 90 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान जताया जा रहा है, जिसमें एक बड़ी राशि सुरक्षा के इंतजामों से जुड़ी है.
जापानी सरकार का कहना है कि शिंजो आबे के राजकीय अंतिम संस्कार कार्यक्रम के लिए सुरक्षा, परिवहन एवं अन्य प्रबंधों पर करीब 1.18 करोड़ डॉलर का खर्च आएगा. अंतिम संस्कार से कुछ घंटे पहले मेहमान सुरक्षा जांच के लिए टोक्यो के ‘बुडोकन मार्शल आर्ट एरिना’ में इकट्ठा होंगे. किसी भी तरह का खाने-पीने का सामान अंदर ले जाने की अनुमति नहीं होगी और कैमरों के उपयोग की अनुमति केवल मीडिया के लिए होगी. लगभग 1,000 जापानी सैनिक कार्यक्रम स्थल के चारों ओर तैनात रहेंगे. शिंजो आबे की पत्नी अकी आबे के बाद किशिदा सहित सरकार, संसदीय और न्यायिक प्रणाली से जुड़े प्रतिनिधि शोक प्रकट करेंगे और मौजूद लोगों को संबोधित करेंगे.
किन लोगों का होता है राजकीय अंतिम संस्कार?
सत्ताधारी पार्टी के अति-रूढ़िवादी ‘यूनिफिकेशन चर्च’ के साथ मधुर संबंधों का असर है, जिसके चलते अंत्येष्टि का अधिक विरोध उभरकर सामने आ रहा है. कुछ कारणों के चलते मंगलवार को होने वाले आबे के राजकीय अंत्येष्टि कार्यक्रम को लेकर रोष देखा जा रहा है. जापान में राजकीय अंतिम संस्कार कार्यक्रम की जड़ें देश में असाधारण योगदान देने वालों को सम्मानित करने के लिए सम्राट द्वारा संपन्न की जाने वाली परंपरा है. द्वितीय विश्व युद्ध से पहले सम्राट को ईश्वर का रूप माना जाता था और राजकीय अंतिम संस्कार का सम्मान पाने वाले लोगों के लिए सार्वजनिक शोक अनिवार्य था. राजकीय अंतिम संस्कार कार्यक्रम अधिकतर शाही परिवार के सदस्यों के लिए किए गए थे.
इन नेताओं का भी किया गया राजकीय अंतिम संस्कार
ऐसा नहीं है कि जापान में शिंजो आबे पहले ऐसा नेता हैं जिनका राजकीय तरीके से अंतिम संस्कार किया जा रहा है. जापान में इसोरोकू यामामोटो समेत अन्य राजनेताओं और सैन्य अधिकारियों का भी राजकीय अंतिम संस्कार किया गया था. यामामोटो ने पर्ल हार्बर हमले की कमान संभाली थी और 1943 में उनकी मृत्यु हो गई थी. युद्ध के बाद राजकीय अंतिम संस्कार कानून को खत्म कर दिया गया था. तब से जापान का एकमात्र अन्य राजकीय अंतिम संस्कार 1967 में राजनेता शिगेरू योशिदा के लिए आयोजित किया गया था, जिन्होंने जापान पर अमेरिकी कब्जे को समाप्त करने और मित्र राष्ट्रों के साथ संबंध बहाल करने के लिए सैन फ्रांसिस्को संधि पर हस्ताक्षर किए थे.
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योशिदा के अंतिम संस्कार की आलोचना होने के कारण बाद की सरकारों ने ऐसे आयोजन को कम कर दिया. इतिहासकार जुनिची मियामा ने कहा, "राजकीय अंतिम संस्कार लोकतंत्र की भावना के विपरीत है." आबे का राजकीय अंतिम संस्कार इसलिए किया जा रहा है क्योंकि प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा का कहना है कि आबे एक राजकीय अंतिम संस्कार के हकदार हैं क्योंकि वह जापान के आधुनिक राजनीतिक इतिहास में सबसे लंबे समय तक सेवा देने वाले नेता थे और उनकी राजनयिक, सुरक्षा और आर्थिक नीतियों के चलते जापान का अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सम्मान बढ़ा.
सियासी जानकारों का कुछ और है मानना!
राजनीतिक पर्यवेक्षकों का कहना है कि आबे के लिए राजकीय अंतिम संस्कार किशिदा के उन प्रयासों का हिस्सा है, जिसके तहत वह आबे के रूढ़िवादी राजनीतिक धड़े से संबंधित सत्तारूढ़ लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी (एलडीपी) के सांसदों को खुश करना चाहते हैं ताकि सत्ता पर उनकी पकड़ मजबूत बनी रहे. यह विवादास्पद क्यों है? वहीं, विरोधियों का कहना है कि कानूनी आधार नहीं होने के चलते आबे का राजकीय अंतिम संस्कार "अलोकतांत्रिक" होने के साथ ही किशिदा मंत्रिमंडल का एकतरफा फैसला है.
Video: कैमरे में कैद शिंज़ो आबे को गोली लगने का वीडियो
इनपुट- एजेंसी
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