डीएनए हिंदी: अमेरिका के मध्यावधि चुनाव (US Midterm Elections) में एक से बढ़कर एक तथ्य सामने आ रहे हैं. पेंसिल्वेनिया में ऐंथनी टोनी डीलुसा (Anthony Tony DeLuca) सबसे लंबे समय तक स्टेट रेप्रेंजेटेटिव रहे थे. इसी साल अक्टूबर महीने में उनका निधन हो गया था. इसके बावजूद, चुनाव में उनकी बंपर जीत हुई और वह एक बार फिर से पेंसिल्वेनिया के प्रतिनिधि ( Pennsylvania State Representative) चुने गए. हैरान करने वाली बात यह है कि एंथनी को इस चुनाव में 85 प्रतिशत से ज्यादा वोट मिले. अब पेंसिल्वेनिया में फिर से चुनाव करवाए जाएंगे.
अक्टूबर में एंथनी की मौत होने तक काफी देर हो चुकी थी और उनकी जगह पर दूसरे उम्मीदवार को उतारना संभव नहीं था. उनके नाम पर ही चुनाव हो गया और वह जीत भी गए. भारत में किसी भी एक पार्टी के उम्मीदवार की मौत हो जाने पर चुनाव रोक दिए जाते हैं और नए सिरे से नामांकन करवाने के बाद ही चुनाव कराए जाते हैं. पेंसिल्वेनिया के केस में एंथनी को ही सबसे ज्यादा 85 प्रतिशत वोट मिले जबकि उनके बाद क्वेओनिया "जारा" लिविंग्स्टन को सिर्फ़ 14 प्रतिशत वोट मिले.
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फिर से करवाए जाएंगे चुनाव
चुनाव नतीजों के बाद पेंसिल्वेनिया हाउस डेमोक्रैटिक कैंपेन कमेटी ने कहा, 'हमें एंथनी के निधन का बेहद दुख है. वहीं, एंथनी को मिले वोटों को देखर हमें गर्व है कि मतदाताओं ने उन पर और लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति उनके समर्पण पर भरोसा जताया है और उनके निधन के बावजूद उन्हें बंपर वोटो से जिताया है. यहां जल्द ही अलग से चुनाव करवाए जाएंगे.'
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आपको बता दें कि एंथनी टोनी पेंसिल्वेनिया के 32वें जिले में लगभग 40 सालों से चुनाव जीत रहे थे. वह 20 सालों तक हाउस इंश्योरेंस कमेटी के चेयरमैन भी रहे.
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