डीएनए हिंदी: दुनिया का सबसे आधुनिक लड़ाकू विमान (Most Advance Fighter Jet) बनाने के लिए ब्रिटेन (United Kingdom) ने शुक्रवार को जापान (Japan) और इटली (Italy) के साथ हाथ मिलाए हैं. छठी पीढ़ी का यह फाइटर जेट (sixth-generation fighter jet) उनके विरोधी चीन व रूस के मौजूदा लड़ाकू विमानों से कहीं ज्यादा एडवांस टेक्नोलॉजी पर आधारित होगा. दावा किया जा रहा है कि यह विमान इन तीनों देशों के साझा सहयोगी अमेरिका के फाइटर जेट्स से भी ज्यादा एडवांस होगा. तीनों देशों ने इसके लिए ग्लोबल कॉम्बेट एयर प्रोग्राम (Global Combat Air Program) के तहत साझीदारी की घोषणा की है. तीनों देशों के साझा बयान में कहा गया है कि GCAP के तहत बनने वाला यह विमान साल 2035 तक बनकर तैयार हो जाएगा.
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चीन-रूस से बढ़ रहे खतरे के कारण उठाया कदम
CNN की रिपोर्ट के मुताबिक, तीनों देशों ने अपने साझा बयान में चीन या रूस का नाम नहीं लिया, लेकिन उन्होंने साफतौर पर कहा कि नए फाइटर जेट की जरूरत कानून पर आधारित, स्वतंत्र व खुले इंटरनेशनल सिस्टम के खिलाफ बढ़ रहे खतरे और आक्रामक रुख के कारण पड़ रही है. बयान में कहा गया कि अपने लोकतंत्र, अर्थव्यवस्था व सुरक्षा और क्षेत्रीय स्थिरता की रक्षा करना सबसे ज्यादा अहम है.
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2024 से शुरू होगा प्रोजेक्ट
ब्रिटिश सरकार ने एक अलग बयान में कहा कि नए लड़ाकू विमान को डेवलप करने का प्रोजेक्ट साल 2024 में शुरू हो जाएगा और इसके साल 2035 तक पहली उड़ान भर लेने की संभावना है. यह विमान तीनों देशों की टेक्नीकल खूबियों का नजारा होगा. इसे अगली पीढ़ी का जेट विमान बनाने के लिए नेटवर्क से जुड़ी आधुनिक क्षमताओं से लैस करने की मंशा है. यह मानवरहित विमान होगा, जो एडवांस्ड सेंसर्स, कटिंग-ऐज वैपन्स और इनोवेटिव डाटा सिस्टम से लैस होगा. नया विमान ब्रिटेन के मौजूदा टाइफून फाइटर जेट (Typhoon fighter Jet) और जापान के F-2 फाइटर जेट (F-2 Fighter Jet) की जगह लेगा.
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अमेरिकी F-35 का अनुभव आएगा काम
ब्रिटेन, जापान और इटली ने नए एडवांस फाइटर जेट को दुनिया के सबसे बड़े युद्धक विमान निर्माता अमेरिका (United States) की मदद के बिना अपने तरीके से तैयार करने का निर्णय लिया है. तीनों देश यूएस फिफ्थ-जनरेशन F-35 स्टील्थ फाइटर जेट प्रोग्राम (US fifth-generation F-35 stealth fighter Program) का हिस्सा रहे हैं. इस प्रोग्राम के तहत तीनों देश F-35 स्टील्थ फाइटर जेट (F-35 Stealth Fighter Jet) विमान उड़ाने के साथ ही इसके इटली और जापान में असेंबल किए गए दूसरे संस्करण भी उड़ाते हैं. इस प्रोग्राम का अनुभव तीनों देशों के काम आएगा. एक्सपर्ट्स का मानना है कि इन तीनों देशों के अपना फाइटर जेट तैयार करने का F-35 प्रोग्राम पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा.
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अमेरिका भी हो सकता है शामिल
जापानी रक्षा मंत्रालय के साथ अमेरिकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन (Pentagon) के साझा बयान से यह संकेत मिले हैं कि अमेरिका भी इस सिक्स्थ-जनरेशन फाइटर जेट प्रोग्राम का हिस्सा बन सकता है. साझा बयान में कहा गया है कि अमेरिका अगली पीढ़ी के फाइटर जेट के डेवलपमेंट के लिए एक जैसे विचार वाले सभी सहयोगियों व साझीदारों के साथ जापान के सुरक्षा और रक्षा सहयोग का समर्थन करता है. इनमें दोनों देशों के करीबी साझीदार ब्रिटेन व इटली भी शामिल हैं.
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जापान, इटली और ब्रिटेन मिलकर बनाएंगे सबसे एडवांस्ड फाइटर जेट, किसी के पास नहीं होगा ऐसा विमान