UNICEF Report 2024: संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (UNICEF) की एक रिपोर्ट ने दुनिया भर में बच्चों की स्थिति पर गंभीर चिंता जताई है. रिपोर्ट के मुताबिक, हर छह में से एक बच्चा यानी लगभग 47.3 करोड़ बच्चे संघर्षग्रस्त क्षेत्रों में रहने को मजबूर हैं. यह आंकड़ा द्वितीय विश्व युद्ध के बाद सबसे अधिक संघर्षों के कारण हुआ है.गाजा और यूक्रेन जैसे क्षेत्रों में हजारों बच्चों की मौत हुई है. यूनिसेफ ने बच्चों की सुरक्षा को वैश्विक प्राथमिकता बनाने की अपील की है.
गाजा और यूक्रेन में बच्चों की त्रासदी
2024 के पहले नौ महीनों में ही संघर्षों के कारण बच्चों की मौत और चोटों की संख्या 2023 के पूरे साल से अधिक हो चुकी है. खासतौर पर गाजा और यूक्रेन में हालात बेहद गंभीर हैं. गाजा में पिछले 15 महीनों में कम से कम 17,492 बच्चों की मौत हुई है.
संघर्षों का बच्चों पर गहरा प्रभाव
यूनिसेफ की कार्यकारी निदेशक कैथरीन रसेल ने बताया कि इन क्षेत्रों में रहने वाले बच्चों को स्कूल छोड़ने, कुपोषण और बार-बार विस्थापन जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है. उन्होंने कहा, 'यह स्थिति सामान्य नहीं बननी चाहिए. बच्चों को इन संघर्षों का शिकार बनने से रोकने के लिए तुरंत कदम उठाने की जरूरत है.'
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बच्चों की सुरक्षा को बनाएं वैश्विक प्राथमिकता
रसेल ने कहा कि 2024 बच्चों के लिए सबसे खराब वर्षों में से एक साबित हुआ है. उन्होंने चेतावनी दी कि अगर हालात नहीं सुधरे, तो यह संघर्ष बच्चों की पूरी पीढ़ी को बर्बाद कर सकता है. उन्होंने वैश्विक नेताओं से बच्चों की सुरक्षा को प्राथमिकता बनाने की अपील की.
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बच्चों के लिए संघर्षों और त्रासदियों का सबसे भयावह साल रहा 2024, UNICEF की रिपोर्ट में चौंकाने वाले आंकड़े