डीएनए हिंदी: संयुक्त राष्ट्र महासभा (United Nations General Assembly) के 77 वें सत्र में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ (Shahbaz Sharif) की टिप्पणी का जिक्र करते हुए तालिबान (Taliban) ने दो टूक में कहा कि वे अफगानिस्तान (Afghanistan ) के आंतरिक मामलों में दखल देना बंद करें. पाकिस्तान (Pakistan) के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने दावा किया था कि अफगानिस्तान में आतंकवादी समूह मौजूद हैं. राजनीतिक मामलों के लिए तालिबान के उप विदेश मंत्री शेर मोहम्मद अब्बास स्टैनिकजई ने पाकिस्तान से अफगानिस्तान के आंतरिक मुद्दों में हस्तक्षेप बंद करने की सलाह दी है. स्टैनिकजई ने कहा कि इस्लामिक अमीरात दावों का खंडन और निंदा करता है और वह किसी को भी अफगानिस्तान के प्रति इस तरह के बयान देने की अनुमति नहीं देता है.
उन्होंने कहा, "हमने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री की कार्रवाई की कड़ी निंदा की. हम किसी को भी इस्लामिक अमीरात के खिलाफ बोलने की अनुमति नहीं देते हैं”
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बता दें विशेष रूप से पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने अफगानिस्तान उपजे आतंकवाद के खतरे पर चिंता व्यक्त की.
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कहा कि "पाकिस्तान विशेष रूप से इस्लामिक स्टेट-खुरासान (आईएसआईएस-के) और तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) से संचालित प्रमुख आतंकवादी समूहों खतरे के बारे में अंतरराष्ट्रीय समुदाय को आगाह करना चाहता है. साथ ही अल-कायदा, ईस्ट तुर्किस्तान इस्लामिक मूवमेंट (ETIM) और इस्लामिक मूवमेंट ऑफ उज्बेकिस्तान (IMU) की सक्रियता पर लोगों का रुख जाहिर करना चाहता है"
शरीफ के इस बयान पर इस्लामिक अमीरात और अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई की प्रतिक्रिया आई. टोलो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, करजई ने एक बयान में कहा कि अफगानिस्तान आतंकवाद का शिकार रहा है और देश में पाकिस्तानी सरकार के तहत आतंकवादी पनाहगाह सक्रिय रहे हैं. अफगानिस्तान के खिलाफ दशकों से इसका इस्तेमाल किया जा रहा है.
इस बीच, अफगानिस्तान के इस्लामिक अमीरात के विदेश मंत्रालय ने कहा कि आरोप निराधार हैं.
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राजनीतिक विश्लेषक टोरेक फरहादी ने कहा, "पिछले 40 सालों में अफगानिस्तान के युद्ध और शांति में पाकिस्तान की महत्वपूर्ण भूमिका थी. हमें कहना होगा कि हमारे राजनेताओं की तरफ अच्छे मैनेजमेंट की कमी के कारण इसकी भूमिका थी. पाकिस्तान इसका फायदा उठाता है."
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पाकिस्तान को तालिबान की फटकार, कहा - अफगानिस्तान के मामले से दूर रहें