डीएनए हिंदी: ताइवान के राष्ट्रपति चुनाव में सत्तारूढ़ डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी के उम्मीदवार लाई चिंग-ते ने जीत हासिल की है. लाई चिंग-ते अभी तक ताइवान के उपराष्ट्रपति पद पर थे. वह त्साई इन वेंग की जगह लेंगे. ताइवान में राष्ट्रपति चुनाव के बाद विलियम लाई की जीत इसलिए भी अहम है क्योंकि वह चीन के धुर विरोधी माने जाते हैं. उनके राष्ट्रपति के बनने के बाद चीन और ताइवान के बीच खींचतान और बढ़ सकती है. ऐसे में विलियम लाई चिंग-ते का चुनाव जीतना चीन के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है. आइए आपको बताते हैं कि विलियम लाई कौन हैं...
इस चुनाव में ताइवान की सत्तारूढ़ चीन विरोधी पार्टी ने राष्ट्रपति चुनाव में बंपर जीत दर्ज की है. चीन लाइ चिंग ते को खतरनाक अलगाववादी मानता है और इस रूप में कई बार उनकी निंदा भी की है. इस जीत के साथ ताइवान की डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी अपना तीसरा कार्यकाल शुरू करेगी. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, जीत के बाद लाई चिंग-ते ने कहा कि अपने एक्शन से ताइवान के लोगों ने चुनावों को प्रभावित करने के लिए बाहरी ताकतों के कोशिशों का सफलतापूर्वक विरोध किया है. हमें यकीन है कि केवल ताइवान के लोगों को ही अपना राष्ट्रपति चुनने का अधिकार है.
चीन पर क्या बोले लाइ चिंग ते?
लाइ चिंग ते ने कहा कि DPP को सबसे बड़ा वोट शेयर मिला है, जिससे पता चलता है कि ताइवान आगे बढ़ने के सही रास्ते पर चलना जारी रखेगा. उन्होंने आगे यह भी कहा कि ताइवान को चीन से जारी खतरे और धमकी से बचाने के लिए दृढ़ हैं. चीन के मुद्दे पर लाइ चिंग ते ने कहा कि ताइवान में शांति और स्थिरता बनाए रखना एक महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है. उनकी सरकार चीन के साथ टकराव के स्थान पर बातचीत करेगी. उन्होंने ताइवान की जनता को धन्यवाद देते हुए कहा कि ताइवान ने लोकतंत्र समुदाय के लिए जीत हासिल की है. मैं हमारे लोकतंत्र में एक नया चैप्टर लिखने के लिए ताइवान के लोगों को धन्यवाद देना चाहता हूं. हमने दुनिया को दिखाया है कि हम अपने लोकतंत्र को कितना महत्व देते हैं. यह हमारी अटूट प्रतिबद्धता है. वहीं, ताइवान की मुख्य विपक्षी पार्टी कुओमितांग (केएमटी) के उम्मीदवार होउ यू-इह ने इस चुनाव में हार स्वीकार कर ली है.
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8 सालों से सत्ता में है DPP
लाई चिंग-ते है का जन्म ताइपे काउंटी में हुआ था और राजनेता से एक डॉक्टर रह चुके हैं. उन्होंने 2003 में हार्वर्ड विश्वविद्यालय से मास्टर डिग्री प्राप्त की है. 996 के विधायी युआन चुनाव में जीत दर्ज की. इस चुनाव में लगातार चार बार जीतने के बाद लाई ने 2010 में ताइनान के मेयर पद के लिए किस्मत आजमाई और जीत हासिल की. वहीं, अल-जजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक मतदाताओं ने ताइवान की 113 सीटों वाली संसद के लिए राजनेताओं को चुना है. डीपीपी प्रमुख लाई की पार्टी विगत आठ साल से सत्ता में है. आपको बता दें कि विलियम लाई की जीत के बाद कयास लगाए जा रहे हैं कि वह शपथ लेने के बाद चीन को खुलकर चुनौती देंगे.
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चीन को लगा झटका, जिनपिंग को आंख दिखाने वाले विलियम लाई बने ताइवान के राष्ट्रपति