सीरिया के अपदस्थ राष्ट्रपति बशर अल असद का एक बड़ा बयान सामने आया है. असद ने देश से भागने के बाद निर्वासन में अपने पहले बयान में कहा कि 'देश छोड़ना कभी भी एक विकल्प नहीं था. सीरिया में अपने परिवार की 50 साल से ज्यादा पुरानी सत्ता खोकर रूस की शरण लिए तानाशाह बशर अल-असद ने कहा कि सीरिया से प्लानिंग के तहत नहीं निकला, मुझे मजबूरी में निकलना पड़ा. उन्होंने बताया कि वो आतंकवादियों से लड़ना चाहते थे. देश अब 'आतंकवाद के हाथों में है.' न्यूज ऐजेंसी AFP के अनुसार, बशर अल-असद ने पिछले हफ्ते अपने शासन के पतन के बाद सोमवार को अपना पहला बयान जारी किया.
देश छोड़ने की बताई वजह?
न्यूज एजेंसी के अनुसार, कथित तौर पर टेलीग्राम पर जारी अपने बयान में असद ने कहा मॉस्को ने सीरिया से उन्हें निकालने का अनुरोध किया था और उन्हें यही वजह रही कि उन्हें 8 दिसंबर की शाम को देश को छोड़ना पड़ा था.
टेलीग्राम पर क्या लिखा?
टेलीग्राम चैनल द्वारा जारी एक बयान में सीरियाई राष्ट्रपति ने कहा कि मैंने कभी भी व्यक्तिगत लाभ के लिए पद की लालसा नहीं की, बल्कि हमेशा खुद को एक देश का संरक्षक माना. मैंने सीरियाई लोगों का विश्वास हासिल किया है. सीरियाई लोग उनके दृष्टिकोण में विश्वास करते हैं. मुझे राज्य की रक्षा करने, इसकी संस्थाओं की रक्षा करने और अंतिम क्षण तक उनके निर्णयों को कायम रखने की उनकी इच्छाशक्ति और क्षमता पर अटूट विश्वास है. उन्होंने कहा कि मैं आतंकियों से लड़ना चाहता था. पर लगातार ड्रोन हमले हो रहे थे इसलिए मुझे मजबूरी में निकलना पड़ा.
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देश से भागने के बाद सीरिया के अपदस्थ राष्ट्रपति असद का पहला बयान, 'मुल्क छोड़ना कभी विकल्प नहीं था'