9 महीने के लंबे इंतजार के बाद सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर की अंतरिक्ष से धरती पर सफल और सुरक्षित तरीके से वापसी हो गई है. उनकी वापसी स्पेसएक्स के अंतरिक्ष यान ड्रैगन के द्वारा हुई है. नासा के दोनों अंतरिक्ष यात्रियों का आगमन भारतीय समय के मुताबिक सुबह 3:27 बजे हुआ है. धरती पर लैंडिग करते ही, उन्हें स्ट्रेचर पर लेटाकर मेडिकल जांच के लिए ले जाया गया. ऐसे में कछ दिनों तक दोनों के लिए इतना आसान नहीं होने वाली है. शरीर में बदलाव होने से दोनों को कई परेशानियां देखनी पड़ सकती हैं.
क्या होते हैं बदलाव
इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) के अंदर अंतरिक्ष यात्रियों को तैरते हुए देखना दिलचस्प हो सकता है, लेकिन गुरुत्वाकर्षण की अनुपस्थिति समय के साथ मानव शरीर पर भारी पड़ती है. वापस लौटने पर, अंतरिक्ष यात्रियों को अक्सर चक्कर आना, मतली और चलने में कठिनाई का अनुभव होता है क्योंकि वे पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण खिंचाव के साथ तालमेल बिठाने के लिए संघर्ष करते हैं. इस कारण से उनके गिरने या चोटों से बचने के लिए अक्सर लैंडिंग के तुरंत बाद बैठा दिया जाता है.
अंतरिक्ष से धरती पर आते ही शरीर में रक्त की मात्रा कम हो जाती है, और आपके रक्त प्रवाह का तरीका बदल जाता है - यह कुछ क्षेत्रों में धीमा हो जाता है, जिससे थक्के बन सकते हैं. इसके साथ ही नॉर्मल खाना नहीं खाया जा सकता. नासा के अनुसार, यात्री 45 दिनों में सामान्य फिटनेस हासिल कर लेगे हैं. लेकिन हड्डियों को पूरी तरह से रिकवर करने में सालों लग सकते हैं. कई बार तो हले जैसी दोबारा कभी नहीं हो पाती है.
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Sunita Williams Returns: 9 महीने बाद स्पेस से लौटीं सुनीता विलियम्स, जानें धरती पर लौटने के बाद अंतरिक्ष यात्रियों के साथ क्या होता है?