दक्षिण चीन सागर में फिलीपींस और चीन के बीच विवाद गहराता जा रहा है. इस मुद्दे पर भारत के बयान से चीन तिलमिला गया है. ड्रैगन ने मंगलवार को भारत से इस मामले पर उसके संप्रभुता के दावों और समुद्री हितों का सम्मान करने का आग्रह किया और कहा कि तीसरे पक्ष को हस्तक्षेप करने का कोई अधिकार नहीं है. चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर की एक टिप्पणी पर एक सवाल का जवाब देते हुए कही. जयशंकर ने कहा था कि भारत फिलीपीन की संप्रभुता का समर्थन करता है.
लिन जियान ने कहा, ‘समुद्री विवाद संबंधित देशों के बीच के मुद्दे हैं. तीसरे पक्ष को किसी भी प्रकार का हस्तक्षेप करने का कोई अधिकार नहीं है. ड्रैगन ने कहा, ‘हम संबंधित पक्षों से दक्षिण चीन सागर मुद्दे पर तथ्यों और सच्चाई का सीधे तौर पर सामना करने और चीन की क्षेत्रीय संप्रभुता और समुद्री अधिकारों एवं हितों तथा दक्षिण चीन सागर को शांतिपूर्ण एवं स्थिर रखने के क्षेत्रीय देशों के प्रयासों का सम्मान करने का आग्रह करते हैं.’
जयशंकर इस समय एक आधिकारिक यात्रा पर मनीला में हैं और इस दौरान उन्होंने फिलीपीन के विदेश मंत्री एनरिक मनालो से बातचीत की. इससे पहले विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने दक्षिण चीन सागर में चीन के साथ फिलीपीन के विवाद के बीच कहा था कि अपनी राष्ट्रीय संप्रभुत्ता को बनाए रखने में दक्षिणपूर्व एशियाई देश का भारत दृढ़ता से समर्थन करता है और वह रक्षा एवं सुरक्षा समेत सहयोग के नए क्षेत्रों में संभावनाएं तलाशना चाहता है.
मनालो के साथ अपने संयुक्त सम्मेलन में जयशंकर ने दक्षिण चीन सागर को लेकर चीन-फिलीपींस के बीच विवाद पर एक सवाल का जवाब देते हुए कहा, ‘संयुक्त राष्ट्र समुद्र विधि समझौता (यूएनसीएलओएस), 1982 इस संबंध में समुद्र के विधान के तौर पर विशेष रूप से महत्वपूर्ण है. सभी पक्षों को इसका अक्षरशः पूरी तरह पालन करना चाहिए. मैं इस अवसर पर फिलीपीन की राष्ट्रीय संप्रभुता को बनाए रखने के लिए भारत के समर्थन को दृढ़ता से दोहराता हूं.'
क्या है South China Sea विवाद?
चीन दक्षिण चीन सागर के अधिकांश हिस्से पर अपना दावा करता है, जबकि फिलीपीन, वियतनाम, मलेशिया, ब्रुनेई और ताइवान समुद्री क्षेत्र पर अपना दावा करते हैं. वर्तमान में चीन और फिलीपीन के बीच विवाद है, क्योंकि दोनों देशों के तटरक्षक जहाज दक्षिण चीन सागर में ‘सेकंड थॉमस शोल’ पर अपना दावा जताने के लिए होड़ कर रहे हैं, जिसे दोनों अपना हिस्सा मानते हैं. चीन ने सप्ताहांत में शिकायत की कि फिलीपीन ने चट्टान पर खड़े एक पुराने युद्धपोत तक निर्माण सामग्री पहुंचाने के लिए दो तटरक्षक जहाज और एक आपूर्ति जहाज भेजा था.
चीन का कहना है कि फिलीपीन ने 1999 में जानबूझकर एक युद्धपोत को खड़ा कर दिया था. वहीं, मनीला ने चीनी तटरक्षकों पर उनके जहाज को रोकने और पानी की बौछारों का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया. फिलीपीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता टेरेसिटा डाज़ा ने कहा कि फिलीपीन के विशेष आर्थिक क्षेत्र में उसकी नियमित और वैध गतिविधियों में चीन का निरंतर हस्तक्षेप अस्वीकार्य है. मीडिया की खबरों में डाज़ा के हवाले से कहा गया, 'यह फिलीपीन के संप्रभु अधिकारों और अधिकार क्षेत्र का उल्लंघन करता है. (PTI इनपुट के साथ)
DNA हिंदी अब APP में आ चुका है. एप को अपने फोन पर लोड करने के लिए यहां क्लिक करें.
देश-दुनिया की Latest News, ख़बरों के पीछे का सच, जानकारी और अलग नज़रिया. अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम और वॉट्सऐप पर.
- Log in to post comments
Philippines पर जयशंकर के बयान से तिलमिलाया चीन, बोला- हमारे बीच न करें हस्तक्षेप