डीएनए हिंदी: रूस और यूक्रेन युद्ध (Russia Ukraine War) में दोनों देशों को भारी नुकसान हो रहा है. आर्थिक नुकसान के साथ-साथ दोनों देशों के हजारों सैनिक भी मारे जा रहे हैं. सैनिकों के मारे जाने की वजह से रूसी सेना (Russian Army) नए जवानों की भर्ती कर रही है. द न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, आनन-फानन में भर्ती किए जा रहे जवानों को सिर्फ़ 5 दिन की ट्रेनिंग के बाद युद्ध के मैदान में भेज दिया जा रहा है. इतनी कम ट्रेनिंग का नतीजा ये हो रहा है कि ये सैनिक कुछ ही दिनों में मारे जा रहे हैं और इनके शव ही लौटकर आ रहे हैं.
रिपोर्ट के मुताबिक, रूस अपने घायल या शहीद सैनिकों का कोई डेटा जारी नहीं करता है. हकीकत ऐसी है कि रूस के कई सैनिक ज़रूरी चीजों के लिए भी जूझ रहे हैं. कई सैनिकों का यह भी कहना है कि उन्हें जूते और कपड़े जैसे ज़रूरी सामान खुद ही खरीदने पड़ रहे हैं. सैनिक चुप हैं क्योंकि व्लादिमीर पुतिन के खिलाफ आवाज उठाने वालों को तुरंत जेल में डाल दिया जाता है और भारी जुर्माना भी लगा दिया जाता है.
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शूटिंग की प्रैक्टिस हुई नहीं और युद्ध में भेज दिया
हाल ही में व्लादिमीर पुतिन ने स्वीकार किया था कि रूसी सेना में 16 हजार नए जवानों की भर्ती की गई है. रिपोर्ट के मुताबिक, इनमें सैकड़ों जवान ऐसे थे जिन्हें सिर्फ़ 5 से 10 दिनों की कॉम्बैट ट्रेनिंग दी गई. कई सैनिक ऐसे हैं जिन्हें कभी शूटिंग की प्रैक्टिस ही नहीं कराई गई. न किसी को यूनिट की जानकारी दी गई कि उन्हें कहां पोस्टिंग दी गई है. ट्रेनिंग सेंटर के हालात ऐसे हो गए हैं कि वहां बाथरूम और बिल्डिंग बुरी स्थिति में हैं. हॉस्टल में बेड और यूनिफॉर्म तक की कमी है.
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स्थानीय मीडिया का आरोप है कि रूसी सेना कई सैनिकों को जबरदस्ती भर्ती कर ले रही है. रूस के रक्षा मंत्री के मुताबिक, 2,80,000 अलग-अलग ट्रेनिंग सेंटरों में हैं. एक रिपोर्ट के मुताबिक, फरवरी में युद्ध की शुरुआत में रूस ने लगभग 2 लाख सैनिक तैनात किए थे. इनमें से आधे से ज्यादा या लगभग एक तिहाई या तो मारे जा चुके हैं या फिर गंभीर रूप से घायल हुए हैं. ट्रेनिंग सेंटरों में ट्रेनर्स की भी भारी कमी है.
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सिर्फ़ 5 दिन की ट्रेनिंग, हथियार चलाना भी नहीं सिखाया, पल भर में मारे जा रहे रूस के सैनिक